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दुनिया तक पहुंचेगी भारतीय हल्दी, 2030 तक एक अरब डॉलर निर्यात का लक्ष्य

केंद्र सरकार ने हल्दी के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए National Cooperative Exports Limited (NCEL) और National Cooperative Organics Limited (NCOL) की भी स्थापना की है।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- June 29, 2025 | 9:46 PM IST

 केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने तेलंगाना के निजामाबाद में राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड (National Turmeric Board) के मुख्यालय का उद्घाटन किया। शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर के लाखों हल्दी किसानों, खासकर तेलंगाना के किसानों की 40 साल पुरानी मांग पूरी की है। अब निजामाबाद की हल्दी, जो हल्दी की राजधानी के रूप में जानी जाती है, आने वाले 3-4 वर्षों में दुनिया के कई देशों में पहुंचेगी।

किसानों को मिलेंगे ये बड़े फायदे:

  • बिचौलियों से मुक्ति: अब किसानों को सीधे लाभ मिलेगा, उन्हें दलालों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
  • पूरी सप्लाई चेन बनेगी: हल्दी की पैकेजिंग, ब्रांडिंग, मार्केटिंग और निर्यात की व्यवस्था बोर्ड द्वारा की जाएगी।
  • उच्च दाम की उम्मीद: इस साल किसानों को हल्दी का भाव ₹18,000 से ₹19,000 प्रति क्विंटल मिला।
    आने वाले 3 वर्षों में ₹6,000-7,000 अधिक दाम दिलाने का लक्ष्य है।

केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री ने बताया कि हल्दी एंटी-वायरल, एंटी-कैंसर और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होती है। इसके औषधीय गुणों के कारण इसे दुनिया भर में ‘वंडर ड्रग’ कहा जाता है। अब सरकार इसके औषधीय शोध पर भी काम करेगी ताकि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारतीय हल्दी को और मजबूती से पेश किया जा सके।

2030 तक एक अरब डॉलर की हल्दी निर्यात का लक्ष्य

  • केंद्र सरकार ने हल्दी के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए National Cooperative Exports Limited (NCEL) और National Cooperative Organics Limited (NCOL) की भी स्थापना की है।
  • सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक भारत से हल्दी का निर्यात एक अरब डॉलर तक पहुंचे।
  • इसके लिए वैश्विक गुणवत्ता मानकों, सुरक्षा, उचित पैकेजिंग, और किसानों को प्रशिक्षण देने की पूरी योजना बनाई गई है।
  • निजामाबाद, जगतियाल, निर्मल और कामारेड्डी – ये जिले देश के प्रमुख हल्दी उत्पादक इलाके हैं।
  • 2023-24 में देश में 3 लाख हेक्टेयर में हल्दी की खेती हुई और 10.74 लाख टन उत्पादन दर्ज हुआ।

मंत्रालय प्रवक्ता ने कहा कि राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड की स्थापना से भारत की हल्दी को वैश्विक पहचान मिलेगी, किसानों की आय बढ़ेगी, और देश का कृषि निर्यात नई ऊंचाइयों को छुएगा। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किया गया वादा पूरा हुआ, और अब हल्दी किसान आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मजबूती से कदम बढ़ा सकेंगे।

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First Published : June 29, 2025 | 8:16 PM IST