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महाराष्ट्र के कृषि उत्पादों को मिला ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म , सरकार ने की महा एग्रो ऐप की शुरुआत

कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने सोयाबीन की फसल की उत्पादकता बढ़ाने के लिए 26 जिले जबकि कपास की फसल के लिए 21 जिलों में कार्यक्रम लागू होगा।

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सुशील मिश्र   
Last Updated- March 07, 2024 | 9:03 PM IST

महाराष्ट्र सरकार राज्य के किसानों और उनके कृषि उत्पादों को सीधे ग्राहकों से जोड़ने के लिए डिजिटल ई- कॉमर्स प्लेटफॉर्म तैयार किया है। इसके लिए कृषि विभाग के महा एग्रो ऐप की शुरुआत की गई है। इस ऐप के जरिए खरीदे गए सामान को ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने इंडिया पोस्ट के साथ समझौता करार किया है।

समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के बाद कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने कहा कि देश में मोबाइल इंटरनेट और इलेक्ट्रॉनिक भुगतान क्रांति आई है और इसका सबसे ज्यादा फायदा ई-कॉमर्स सेक्टर को हुआ है। भविष्य में भारत में ई-कॉमर्स 250 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है ।

सरकार का प्रयास महाराष्ट्र के कृषि क्षेत्र और किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स मोबाइल ऐप और वेब प्लेटफॉर्म प्रदान करना था। पारंपरिक कृषि को आधुनिक तकनीक के साथ जोड़ने का प्रयास किया गया है। इस ऐप के माध्यम से किसान , स्वयं सहायता समूह , स्वयं सहायता समूह , स्टार्ट-अप , छोटे और बड़े व्यवसाय और किसान कृषि उत्पाद, प्रसंस्कृत उत्पाद और कृषि से संबंधित उत्पाद ऑनलाइन बेच सकेंगे, इसलिए एक नए युग की शुरुआत हुई है।

कृषि विभाग की तरफ से बताया गया कि ऐप को शुरुआत करते वक्त इस प्लेटफॉर्म पर 358 निर्माताओं के 1370 उत्पाद उपलब्ध कराए गए हैं । इस ऐप पर महाराष्ट्र के किसानों को मौसम विभाग की जानकारी भी उपलब्ध होगी। साथ ही महाराष्ट्र राज्य कृषि विपणन निगम के माध्यम से विभिन्न प्रकार की कृषि वस्तुओं की दैनिक कीमतें भी इस पोर्टल पर उपलब्ध कराई जाएंगी। यह ऐप प्ले स्टोर पर महा एग्रो मार्ट के नाम से उपलब्ध है। इससे फ्लिपकार्ट , अमेज़न की तरह 1370 उत्पाद खरीदे जा सकते हैं। ऑनलाइन भुगतान भी किया जा सकता है।

फसलों का उत्पादन बढ़ाने की योजना

किसानों को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से जोड़ने के साथ सरकार राज्य की प्रमुख फसलों का उत्पादन बढ़ाने पर भी जोर दे रही है। ताकि कुल राज्य का कुल उत्पादन बढ़े और किसानों की कमाई में इजाफा हो। राज्य सरकार कपास और सोयाबीन के साथ तिलहन फसलों की उत्पादकता बढ़ाने की नीति तैयार करने के लिए कृषि विभाग को निर्देश दिये हैं।

कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने सोयाबीन की फसल की उत्पादकता बढ़ाने के लिए 26 जिले जबकि कपास की फसल के लिए 21 जिलों में कार्यक्रम लागू होगा। यदि इसके लिए और अधिक धन की आवश्यकता है, वह भी धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी ।

कपास और सोयाबीन की उत्पादक बढ़ाने की कवायद

सोयाबीन की उत्पादकता के मामले में महाराष्ट्र पहले से ही सबसे आगे है। महाराष्ट्र आगे भी इस बढ़त को कयाम रखना चाह रहा है। देश के सबसे बड़े सोयाबीन उत्पादक मध्य प्रदेश में प्रत‍ि हेक्टेयर उत्पादकता 11 से 11.5 क्व‍िंटल प्रत‍ि हेक्टेयर है। जबक‍ि महाराष्ट्र में यह 14 से 15 क्व‍िंटल प्रत‍ि हेक्टेयर है। राज्य सरकार राज्य की प्रमुख फसल कपास का उत्पादन बढ़ाना चाह रही है।

कपास उत्पादन के मामले में महाराष्ट्र देश के अन्य सभी राज्यों में भले ही सबसे आगे है, लेकिन उत्पादकता के मामले में राजस्थान और गुजरात से बहुत पीछे है। कपास का उत्पादन बढ़ेगा तो किसानों की आय बढ़ेगी । देश में कुल उत्पादित होने वाले कपास में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 27.10 फीसदी है । ऐसे में अगर उत्पादकता बढ़ेगी तो उसकी कुल उत्पादन में भागीदारी और बढ़ जाएगी।

First Published : March 7, 2024 | 9:03 PM IST