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Mustard price: बोआई बढ़ने से सरसों के भाव गिरकर MSP से नीचे

Mustard price: ताजा सरकारी आंकड़ों के मुताबिक चालू रबी सीजन में सरसों की बोआई करीब 2.5 फीसदी बढ़कर 100.43 लाख हेक्टेयर हो गई है। जिससे पैदावार भी ज्यादा होने की संभावना है।

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रामवीर सिंह गुर्जर   
Last Updated- February 15, 2024 | 7:12 PM IST

Mustard price: सरसों की कीमतों में नरमी देखी जा रही है और इसके भाव गिरकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)से नीचे चल रहे हैं। जानकारों के मुताबिक आगे इसके भाव और घट सकते हैं। इसकी वजह बोआई बढ़ने से सरसों के उत्पादन में इजाफा होने का अनुमान है। साथ ही इसकी मांग कमजोर रहना भी सरसों की कीमतों में सुस्ती की वजह मानी जा रही है।

इस समय कितने हैं सरसों के भाव?

राजस्थान की जयपुर मंडी को सरसों की बेंचमार्क मंडी माना जाता है। इस मंडी में इस समय सरसों के थोक भाव 5,400 से 5,450 रुपये प्रति क्विंटल हैं। सरसों का MSP 5,650 रुपये क्विंटल है। जाहिर है सरसों के भाव MSP से नीचे कारोबार कर रहे हैं। सप्ताह भर में इसकी कीमतों में 100 रुपये क्विंटल की गिरावट आ चुकी है। 

सरसों के भाव में क्यों आ रही है गिरावट?

आई-ग्रेन इंडिया में कमोडिटी विश्लेषक राहुल चौहान ने कहा कि इस साल सरसों की बंपर पैदावार होने की उम्मीद है। जिससे सरसों की कीमतों में नरमी देखी जा रही है। कमोडिटी विशेषज्ञ इंद्रजीत पॉल कहते हैं कि तेल मिलों की ओर से सरसों की मांग भी फिलहाल कमजोर है। इससे भी कीमतों में गिरावट को बल मिला है।

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आगे कितने और घट सकते हैं सरसों के भाव?

आगे नई सरसों की आवक का दबाव बढ़ने लगेगा। ऐसे में सरसों की कीमतों में और गिरावट आ सकती है। पॉल ने बताया कि नई सरसों के दबाव में इसके भाव लुढ़ककर 5,000 रुपये से नीचे जा सकते हैं। चौहान भी मानते हैं कि सरसों की कीमतों में अभी और गिरावट आ सकती है। सरसों की सरकारी खरीद शुरू होने पर ही कीमतों में सुधार की संभावना है। हालांकि यह सुधार भी बहुत ज्यादा नहीं होने वाला है क्योंकि देश में खाद्य तेलों की उपलब्धता भरपूर है। इससे आगे भी सरसों के भाव MSP से नीचे ही बने रहने के आसार हैं।

सरसों की बोआई में कितना हुआ इजाफा?

इस साल सरसों की बोआई खूब हुई है। रबी फसलों की बोआई के अंतिम सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश में 100.43 लाख हेक्टेयर में सरसों की बोआई हो चुकी है। पिछले साल की समान अवधि में यह आंकडा 97.96 लाख हेक्टेयर था। इस तरह इस साल सरसों के रकबा में 2.5 फीसदी से ज्यादा इजाफा हुआ है। 

सरसों के सबसे बड़े उत्पादक राज्य राजस्थान में इसकी बोआई पिछले साल से कम हुई है। लेकिन सरसों के तीन अन्य अहम उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और हरियाणा में बोआई बढ़ने से सरसों का कुल रकबा ज्यादा है। कुल बोआई बढ़ने के साथ ही मौसम भी इस फसल के अनुकूल है। ऐसे में सरसों का उत्पादन अधिक हो सकता है।    

First Published : February 15, 2024 | 7:12 PM IST