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चालू वित्त वर्ष में खली निर्यात में बढ़ोतरी देखी जा रही है। पिछले महीने भी खली निर्यात में इजाफा हुआ है। खली निर्यात बढ़ने की मुख्य वजह सोया खली का निर्यात ढाई गुना से ज्यादा बढ़ना है। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2023 के दिसंबर महीने में 5.32 लाख टन खली का निर्यात हुआ, जबकि वर्ष 2022 के दिसंबर महीने में 4.33 लाख टन निर्यात हुआ था। इस तरह इस दिसंबर खली निर्यात में 23 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज की गई। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-दिसंबर अवधि में खली निर्यात में 24 फीसदी इजाफा हुआ है। चालू वित्त वर्ष में दिसंबर तक 34.96 लाख टन खली का निर्यात हो चुका है, जबकि पिछले वित्त वर्ष में दिसंबर तक यह आंकड़ा 28.16 लाख टन था।
सोया खली निर्यात ढाई गुना से ज्यादा बढ़ा
चालू वित्त वर्ष में सोया खली के निर्यात में बढ़ी बढ़ोतरी की वजह वैश्विक बाजार में सोया खली की मांग काफी बढ़ना है। हाल के महीनों में अर्जेंटीना की ओर से इसकी आपूर्ति में कमी आई है। साथ ही भारतीय सोया खली मूल्य के लिहाज से प्रतिस्पर्धी है। इसलिए इसकी निर्यात मांग बढ़ रही है। चालू वित्त वर्ष में दिसंबर तक 12.10 लाख टन सोया खली का निर्यात हो चुका है। पिछली समान अवधि में यह आंकड़ा 4.46 लाख टन ही था। जाहिर है इस वित्त वर्ष सोया खली के निर्यात में ढाई गुना से ज्यादा इजाफा हुआ है। चालू वित्त वर्ष में दिसंबर तक सरसों खली का निर्यात करीब 9 फीसदी बढ़कर 18.23 लाख टन हो गया है। पिछले वित्त वर्ष सरसों खली का निर्यात 22.96 लाख टन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था। चालू वित्त वर्ष में De oiled rice bran के निर्यात पर प्रतिबंध का असर दिख रहा है और इसका निर्यात घटकर आधे से भी कम 1.51 लाख टन रह गया। पिछले वित्त वर्ष दिसंबर तक 3.96 लाख टन निर्यात हुआ था। मूंगफली खली का निर्यात भी 20,698 टन से घटकर 13,808 टन रह गया, जबकि अरंडी खली का निर्यात 2.82 लाख टन से बढ़कर 2.96 लाख टन हो गया।