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जीरे का तड़का लगाना फिर हुआ महंगा, वायदा भाव हुआ अधलखिया

जीरे के वायदा भाव थामने के लिए अतिरिक्त मार्जिन लगाने जैसी सख्ती का असर कुछ ही समय रहा।

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रामवीर सिंह गुर्जर   
Last Updated- June 14, 2023 | 4:27 PM IST

पिछले महीने जीरे के भाव थमने के बाद अब इस माह फिर तेजी से बढ़ रहे हैं। जीरे के वायदा भाव अब अधलखिया हो गए हैं। जीरे के वायदा भाव थामने के लिए अतिरिक्त मार्जिन लगाने जैसी सख्ती का असर कुछ ही समय रहा। इस सख्ती के बावजूद जीरा फिर से महंगा हो गया।

50 हजार के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच जीरें के वायदा भाव

पिछले महीने जीरे के भाव में नरमी देखी गई थी। लेकिन इस महीने जीरे के भाव चढ़ रहे हैं। जीरे का बेंचमार्क जुलाई कॉन्ट्रैक्ट ने आज 50,100 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर दिन का उच्च स्तर छू लिया। अगस्त कॉन्ट्रैक्ट तो 50,515 रुपये के स्तर को छू चुका है। इस महीने की पहली तारीख को जुलाई कॉन्ट्रैक्ट 44,930 रुपये के भाव पर बंद हुआ था। इस तरह इस कॉन्ट्रैक्ट के भाव इस महीने करीब 13 फीसदी बढ़ चुके हैं। आईआईएफएल सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट व जिंस विशेषज्ञ अनुज गुप्ता कहते हैं कि पिछले महीने ऊंचे भाव पर मुनाफावसूली और अतिरिक्त मार्जिन जैसी सख्ती के कारण जीरे के भाव गिरे थे। लेकिन अब इस महीने इसके भाव लगातार बढ़ रहे हैं। इसकी वजह निर्यात मांग बढ़ना है। जीरा 50 हजार रुपये के स्तर को पार कर चुका है।

जीरे की आवक सुस्त

कमोडिटी एक्सपर्ट इंद्रजीत पॉल कहते कि उत्पादन घटने से आपूर्ति पहले से ही कमजोर है। पिछले साल उत्पादन 6.29 लाख टन था। इस साल यह घटकर 3.8 से 4 लाख टन रह सकता है। जीरे की इस समय निर्यात मांग भी अच्छी है। साथ ही चालू विपणन वर्ष में इसका स्टॉक कम रह सकता है। बाजार में सामान्य से कम आपूर्ति हो रही है। इसलिए जीरे के भाव फिर से बढ़ने लगे हैं। इस महीने 14 जून तक मंडियों में 7,324 टन जीरे की आवक हो चुकी है, जो पिछले साल की समान अवधि में हुई आवक 8,434 टन से करीब 13 फीसदी कम है। जीरे की आगे कीमतों के बारे में पॉल का कहना है कि एक बार भाव 51,000 रूपये प्रति क्विंटल तक जा सकते हैं।

First Published : June 14, 2023 | 3:36 PM IST