Pulses import: देश में बढ़ती दालों की कीमतों के बीच यह राहत भरी खबर हो सकती है कि इनके आयात में इजाफा हो रहा है। आयात बढ़ने से देश में दालों की आपूर्ति सुधर सकती है, जो दलहन की कम बोआई से प्रभावित होने की आशंका है। दाल आयात बढ़ने से उपभोक्ताओं को दालों की महंगाई से राहत मिलने की उम्मीद है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के पहले 4 महीने के दौरान दालों के आयात में काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वाणिज्य विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 की अप्रैल-जुलाई अवधि में सबसे ज्यादा मसूर का आयात हुआ है। इस दौरान देश में 4.66 लाख टन मसूर आयात हो चुकी है, जो पिछली समान अवधि में आयात हुई 1.06 लाख टन से 4 गुना से भी ज्यादा है।
उपभोक्ता सबसे ज्यादा अरहर दाल की महंगाई से परेशान हैं। इस अवधि में अरहर दाल के आयात में भी भारी इजाफा हुआ है। अप्रैल-जुलाई अवधि में 1.72 लाख टन अरहर का आयात हो चुका है, जबकि पिछले साल की इसी अवधि में 83,742 टन अरहर आयात हुई थी। इस तरह अरहर का आयात भी दोगुने से ज्यादा बढ़ा है।
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इस साल उड़द का आयात भी खूब हो रहा है। चालू वित्त वर्ष में जुलाई तक 1.31 लाख टन उड़द आयात हो चुकी है, जो पिछले साल की समान अवधि में आयात हुई 99,603 टन से 32 फीसदी अधिक है। देश में दालों में अरहर, मसूर और उड़द का प्रमुख रूप से आयात होता है।
चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जुलाई अवधि में इन तीनों दालों का कुल आयात 7.70 लाख टन रहा, जो पिछली समान के 2.89 लाख टन की तुलना में ढाई गुना से भी ज्यादा है। देश में राजमा का भी काफी आयात किया जाता है। अप्रैल-जुलाई अवधि में 34,723 टन राजमा का आयात हुआ है, जो पिछली समान अवधि में आयात हुए 18,554 टन राजमा से करीब 87 फीसदी अधिक है। अभी सरकारी आंकड़े जुलाई तक के आए हैं। लेकिन बाजार जानकारों के मुताबिक अगस्त-सितंबर महीने भी आयात बढ़ने की संभावना है और यह बढ़ोतरी आगे भी जारी रह सकती है।
दाल 2022-23 2023-24 बदलाव
अरहर 83,742 1,72,448 105.93
मसूर 1,06,208 4,66,425 339.16
उड़द 99,603 1,31,951 32.48
राजमा 18,554 34,723 87.14
स्रोत केंद्रीय वाणिज्य विभाग है। आयात के आंकड़े टन में और बदलाव फीसदी में है।