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Pulses Price: सरकारी प्रेशर में भी नहीं गली दाल, कब सस्ता होगा थाल

इस साल कमोबेश सभी दालों के दाम चढ़ते दिखे हैं मगर सबसे ज्यादा तेजी अरहर में ही रही।

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रामवीर सिंह गुर्जर   
Last Updated- October 12, 2023 | 10:21 PM IST

सरकारी प्रयासों के बावजूद अरहर की दाल के तेवर ढीले नहीं पड़े हैं और खुदरा बाजार में इसके भाव 200 रुपये किलोग्राम के करीब पहुंच गए हैं। सरकार ने अरहर दाल के दाम काबू में लाने के लिए भंडारण सीमा लगाने और समय पर जानकारी देने जैसे उपाय किए हैं। आयात को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। हो सकता है कि इन्हीं उपायों की वजह से पिछले कुछ दिनों से मंडियों में अरहर की थोक कीमतें कुछ नरम दिख रही हैं। इसका असर आगे खुदरा दाम पर भी दिख सकता है।

इस साल कमोबेश सभी दालों के दाम चढ़ते दिखे हैं मगर सबसे ज्यादा तेजी अरहर में ही रही। उपभोक्ता मामलों के विभाग के आंकड़ों के अनुसार देश भर में अरहर दाल की औसत खुदरा कीमत इस साल 1 जनवरी को 110.45 रुपये किलो थी, जो आज बढ़कर 151.01 रुपये हो गई।

इस तरह इस साल अरहर दाल 36 फीसदी से ज्यादा महंगी हो चुकी है। महीने भर में ही इसकी औसत कीमत करीब 4 रुपये बढ़ी है। देश भर के खुदरा बाजारों में अरहर दाल इस समय 75 से 196 रुपये किलो तक बिक रही है।

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दिल्ली में अरहर दाल की औसत खुदरा कीमत महीने भर में 167 रुपये से बढ़कर 177 रुपये, मध्य प्रदेश में 147.2 रुपये से बढ़कर 153.79 रुपये, महाराष्ट्र में 163.58 रुपये से बढ़कर 171.05 रुपये और उत्तर प्रदेश में 140.89 रुपये से बढ़कर 146.56 रुपये किलो हो चुकी हैं।

अरहर की तर्ज पर बाकी दालें भी भड़क रही हैं। पिछले एक महीने में खुदरा बाजार में उड़द दाल के औसत दाम 117.12 रुपये से बढ़कर 118.47 रुपये, मूंग दाल के दाम 113.64 रुपये से बढ़कर 115.53 रुपये, चना दाल के दाम 80.65 रुपये से बढ़कर 82.31 रुपये और मसूर दाल के दाम 93.45 रुपये से बढ़कर 93.91 रुपये किलो हो चुके हैं। साल भर में उड़द दाल के खुदरा भाव करीब 13 रुपये, मूंग दाल के 14 रुपये और चना दाल के 12 रुपये किलो बढ़ चुके हैं। मगर मसूर दाल के भाव में कोई बदलाव नहीं हुआ है।

राहत की बात यह है कि पिछले कुछ दिनों से थोक मंडी में अरहर नीचे आ रही है। कमोडिटी विशेषज्ञ इंद्रजित पॉल ने बताया कि अरहर की बेंचमार्क मंडी कहलाने वाली अकोला मंडी में दो हफ्ते पहले अरहर के थोक भाव 12,350 रुपये प्रति क्विंटल थे, जो अब 12,000 रुपये ही रह गए हैं।

डेढ़ महीने में अरहर की नई फसल आने वाली है और इसका आयात भी बढ़ रहा है। इसलिए आगे अरहर के भाव और नरम पड़ सकते हैं। मूंग व उड़द की नई आवक शुरू हो चुकी है। इनकी आवक बढ़ने पर इनके दाम भी गिर सकते हैं। मंडियों में दलहन के थोक भाव गिरने का असर खुदरा कीमतों पर भी जल्द देखने को मिल सकता है। ऐसे में उपभोक्ताओं को दालों की महंगाई से आगे राहत मिलने की उम्मीद है।

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चालू वित्त वर्ष के पहले 4 महीनों में दालों का आयात बहुत बढ़ा है। वाणिज्य विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 की अप्रैल-जुलाई अवधि में 4.66 लाख टन मसूर आयात हो चुकी है, जो पिछली समान अवधि में आयात हुई 1.06 लाख टन की 4 गुना से भी ज्यादा है।

अप्रैल-जुलाई में 1.72 लाख टन अरहर का आयात हो चुका है, जो पिछले साल की इसी अवधि में आयात हुई 83,742 टन दाल के दोगुने से ज्यादा है। चालू वित्त वर्ष में जुलाई तक उड़द दाल का आयात 32 फीसदी बढ़कर 1.31 लाख टन हो गया। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जुलाई अवधि में अरहर, मसूर व उड़द तीनों प्रमुख दालों का कुल आयात 7.70 लाख टन रहा, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 2.89 लाख टन की तुलना में ढाई गुना से भी ज्यादा है।

First Published : October 12, 2023 | 10:21 PM IST