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Rabi Sowing 2022: रबी फसलों की बोआई 2.86 फीसदी बढ़ी, सरसों के रकबे में 7.82 फीसदी का इजाफा

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बीएस संवाददाता
Last Updated- January 06, 2023 | 3:20 PM IST

रबी फसलों की बोआई में बढ़ोतरी की दर अब धीमी पड़ने लगी है। चालू रबी सीजन में शुक्रवार तक रबी फसलों की कुल बोआई में 2.86 फीसदी ही इजाफा हुआ है, जबकि पिछले सप्ताह तक बोआई 4.46 फीसदी बढ़ी थी। रबी की प्रमुख फसल गेहूं की बोआई शुरुआत में अच्छी हो रही थी। लेकिन अब इसकी बोआई में वृद्धि एक फीसदी से भी कम रह गई है । दूसरी प्रमुख फसल चने की बोआई तो पिछले साल से कम है। तीसरी प्रमुख फसल सरसों की बोआई पिछले साल से करीब 8 फीसदी ज्यादा हुई है।

रबी फसलों की बोआई 2.86 फीसदी बढ़ी
चालू रबी सीजन में 6 जनवरी तक कुल रबी फसलों की बोआई 665.58 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है। पिछले साल समान अवधि में यह आंकड़ा 647.02 लाख हेक्टेयर था। इस तरह रबी फसलों की बोआई में 2.86 फीसदी इजाफा हुआ है। अब तक दलहनी फसलों की बोआई 157.67 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में हो चुकी है, जो पिछले साल की समान अवधि में हुई बोआई 156.23 लाख हेक्टेयर से महज 0.92 फीसदी अधिक है। तिलहन फसलों की बोआई 105.49 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में हुई है। पिछले साल अवधि में 97.66 लाख हेक्टेयर में हुई तिलहन फसलों की बोआई से 8 फीसदी ज्यादा है।

चने की बोआई घटी, गेहूं की महज 0.69 फीसदी बढ़ी
चालू रबी सीजन में 6 जनवरी तक रबी की प्रमुख फसल गेहूं की बोआई में महज 0.69 फीसदी का इजाफा हुआ है। पिछले सप्ताह तक गेहूं की बोआई 3.59 फीसदी बढ़ी थी। 6 जनवरी तक 332.16 लाख हैक्टेयर में गेहूं की बोआई हो चुकी है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 329.88 लाख हेक्टेयर में गेहूं बोया गया था। रबी की दूसरी प्रमुख फसल चने की बोआई अब तक 107.32 लाख हेक्टेयर में हुई है, जो पिछले साल की समान अवधि में 109.17 लाख हेक्टेयर में हुई बोआई से भी कम है।

सरसों की बोआई में 7.82 फीसदी का इजाफा
चना रबी सीजन की तीसरी प्रमुख फसल है। इसकी बोआई इस सीजन में खूब हो रही है। 6 जनवरी तक 95.34 लाख हेक्टेयर में सरसों की बोआई हो चुकी है, जबकि पिछले साल 6 जनवरी तक 88.42 लाख हेक्टेयर में सरसों की बोआई हुई थी। इस तरह इस सीजन में पिछले सीजन की तुलना में 7.82 फीसदी ज्यादा सरसों की बोआई हुई है। सरसों की अधिक बोआई के दम पर ही कुल तिलहन फसलों की बोआई पिछले साल से 8 फीसदी ज्यादा हुई है। बीते दो साल से किसानों को सरसों के दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य से काफी ज्यादा मिल रहे हैं। इसलिए किसान इसकी बोआई पर अधिक जोर दे रहे हैं।

First Published : January 6, 2023 | 3:10 PM IST