गैर बासमती चावल निर्यात पर अंकुश का असर दिखने लगा है। इस चावल के निर्यात में अब गिरावट दर्ज की जा रही है। केंद्र सरकार ने बढ़ती कीमतों को काबू में करने के लिए इस साल 20 जुलाई को गैर-बासमती सफेद चावल निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। देश से निर्यात होने वाले कुल गैर बासमती चावल में इसकी हिस्सेदारी 25 फीसदी है। इसके पहले पिछले साल सितंबर में टूटे चावल का निर्यात भी रोक दिया गया था।
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गैर बासमती चावल का निर्यात घटा, बासमती का बढ़ा
कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण(एपीडा) से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2023-24 की अप्रैल-जुलाई अवधि में 53.58 लाख टन गैर बासमती चावल का निर्यात हुआ, जबकि पिछली समान अवधि में यह आंकड़ा 58.16 लाख टन था। इस तरह चालू वित्त वर्ष में जुलाई तक गैर बासमती चावल के निर्यात में 2.77 फीसदी गिरावट दर्ज की गई है। आगे इसके निर्यात में और गिरावट आ सकती है क्योंकि कुल गैर बासमती चावल में 25 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाले गैर बासमती सफेद चावल पर 20 जुलाई से रोक लगा दी गई है। जिसका असर आगामी महीनों के निर्यात आंकड़ों में दिखेगा। गैर बासमती चावल के उलट बासमती चावल के निर्यात में इजाफा हुआ है। इस साल अप्रैल-जुलाई अवधि में 16.09 लाख टन बासमती चावल का निर्यात हुआ है, जो पिछली समान अवधि में निर्यात हुए 15.06 लाख टन बासमती चावल से 13.19 फीसदी अधिक है।
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प्रमुख कमोडिटी के निर्यात में गिरावट
चालू वित्त वर्ष के दौरान प्रमुख कमोडिटी के निर्यात में भी सुस्ती देखी जा रही है। वर्ष 2023-24 की अप्रैल-जुलाई अवधि में 839.3 करोड़ डॉलर मूल्य की प्रमुख कमोडिटी का निर्यात हुआ है, जो पिछली समान के 958.9 करोड़ डॉलर की तुलना में 12.37 फीसदी कम है। मूल्य के लिहाज से पशु उत्पादों के निर्यात में 8.85 फीसदी, अनाजों के निर्यात में करीब 22 फीसदी, फूलों के निर्यात में 5.78 फीसदी और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के निर्यात में करीब एक फीसदी गिरावट आई है। हालांकि ताजे फल व सब्जी के निर्यात में करीब 16 फीसदी इजाफा हुआ है।