सरकारी सख्ती का गेहूं (wheat) व आटा (flour) की कीमतों पर खास असर नहीं दिख रहा है। केंद्र सरकार ने पिछले महीने गेहूं सस्ता करने के लिए स्टॉक लिमिट लगाई थी। लेकिन इस स्टॉक लिमिट के बाद गेहूं की कीमतों में गिरावट नहीं आई है। सरकार द्वारा खुले बाजार में की जा रही गेहूं की बिक्री भी इसको सस्ता करने में कामयाब होते नहीं दिख रही है। जानकारों की माने तो आगे त्योहारी मांग बढ़ने पर गेहूं महंगा हो सकता है।
केंद्र सरकार ने 12 जून को स्टॉक लिमिट लगाई थी। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के विभाग के आंकड़ों के अनुसार 12 जून को देश भर में गेहूं की औसत खुदरा कीमत 29.16 रुपये किलो थी। आज यह कीमत 29.56 रुपये किलो है। इस तरह देखा जाए तो स्टॉक लिमिट से गेहूं के खुदरा मूल्य घटे नहीं है, बल्कि मामूली तेजी आई है। इसी तरह इस अवधि में आटे की औसत खुदरा कीमत 34.40 रुपये से मामूली बढ़कर 34.83 रुपये किलो हो गई है।
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मंडियों में भी गेहूं की कीमतों पर स्टॉक लिमिट का खास असर नहीं हुआ है। उत्तर प्रदेश की हरदोई मंडी के गेहूं कारोबारी संजीव अग्रवाल ने बताया कि स्टॉक लिमिट लगने से गेहूं की कीमतों पर खास प्रभाव नहीं पड़ा है। हरदोई मंडी में गेहूं 2,260 से 2,300 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर बिक रहा है। स्टॉक लिमिट लगने के अगले दो-तीन दिन जरूर कीमतों में 40 से 50 रुपये की गिरावट आई थी। इसके बाद दाम कुछ सुधर कर स्थिर बने हुए हैं। दिल्ली में गेहूं के थोक भाव 2,470 रुपये प्रति क्विंटल हैं। स्टॉक लिमिट के समय भी भाव इसी के आसपास थे।
अग्रवाल कहते हैं कि सरकार की उम्मीद से कम गेहूं का स्टॉक घोषित हुआ है। मंडियों में आवक भी पिछले साल से कम हो रही है। इसका मतलब है कि सरकारी दावे के उलट या तो गेहूं की पैदावार कम है या इसकी जमाखोरी हुई है। ऐसे में आगे त्योहारों पर गेहूं की मांग बढ़ने पर इसकी कीमतों में तेजी आ सकती है। हालांकि यह तेजी सरकार की आगे की नीतियों पर निर्भर करेगी।
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कमोडिटी एक्सपर्ट इंद्रजीत पॉल ने कहा कि स्टॉक लिमिट लगने के बाद मंडियों में गेहूं की आवक नहीं बढ़ी है। मंडियों में 12 जून को स्टॉक लिमिट लगने के दिन से लेकर अब तक 20.60 लाख टन गेहूं की आवक हुई है, जो पिछले साल की समान अवधि की करीब 24 लाख टन आवक से भी कम है, जबकि सरकार इस साल पिछले साल से गेहूं का उत्पादन ज्यादा होने का दावा कर रही है। ज्यादा उत्पादन व स्टॉक लिमिट लगने से गेहूं की आवक बढ़नी चाहिए थी। आगे गेहूं की त्योहारी मांग भी निकलेगी। ऐसे में आगे गेहूं की कीमतों में 50 से 70 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी संभव है।