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Wheat stock limit: सरकार ने अब गेहूं के स्टॉक पर लगाई लिमिट, जानें अब कितना गेहूं रख सकेंगे कारोबारी?

केंद्र सरकार इससे पहले भी गेहूं के दाम नियंत्रित करने के लिए भंडारण सीमा लगा चुकी है। केंद्र सरकार ने पिछले विपणन वर्ष में कई बार भंडारण सीमा में संशोधन किया था।

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रामवीर सिंह गुर्जर   
Last Updated- June 24, 2024 | 4:55 PM IST

Wheat stock limit: केंद्र सरकार ने दालों के बाद अब गेहूं पर भंडारण सीमा (Stock limit) लगा दी है। यह सीमा तत्काल प्रभाव से लागू होगी। साथ ही यह अगले साल 31 मार्च तक प्रभावी रहेगी।

सरकार ने यह कदम गेहूं की जमाखोरी रोकने के साथ ही इसके दाम नियंत्रित करने के लिए उठाया है। केंद्र सरकार ने पिछले सप्ताह शुक्रवार को अरहर और चना पर भंडारण सीमा लगाई थी।

अब कितना गेहूं रख सकेंगे कारोबारी? (How much wheat will traders be able to keep now)

केंद्र सरकार द्वारा भंडारण सीमा लगाने की अधिसूचना आज जारी कर दी है। इसके मुताबिक थोक कारोबारी 3,000 टन गेहूं का भंडारण कर सकेगा। प्रत्येक खुदरा कारोबारी अपने रिटेल आउटलेट पर 10 टन गेहूं रख सकता है। बिग चेन रिटेलर को प्रत्येक आउटलेट पर 10 टन और उनके सभी डिपो पर 3,000 टन गेहूं का भंडारण करने की अनुमति दी गई है।

प्रोसेसर यानी आटा मिल वाले वर्ष 2024-25 के बचे महीनों में अपनी स्थापित मासिक क्षमता के 70 फीसदी तक गेहूं का भंडारण कर सकते हैं। सरकार ने उन कारोबारियों को जिनके पास तय की गई भंडारण सीमा से अधिक गेहूं का भंडारण है, 30 दिन का समय भंडारण को निर्धारित सीमा तक लाने के लिए दिया गया है।

इससे पहले भी लग चुकी है गेहूं पर भंडारण सीमा

केंद्र सरकार इससे पहले भी गेहूं के दाम नियंत्रित करने के लिए भंडारण सीमा लगा चुकी है। केंद्र सरकार ने पिछले विपणन वर्ष में कई बार भंडारण सीमा में संशोधन किया था। लेकिन नई फसल को देखते हुए इस साल 31 मार्च से गेहूं पर भंडारण सीमा को हटा लिया गया था।

इससे पहले इस साल 8 फरवरी को गेहूं पर भंडारण सीमा में संशोधन किया गया था। जिसके मुताबिक गेहूं के थोक कारोबारियों के लिए गेहूं की भंडारण सीमा 1,000 टन से घटाकर 500 टन, जबकि प्रत्येक खुदरा कारोबारी के आउटलेट पर 5 टन गेहूं रखने की सीमा को बरकरार रखा गया था।

हालांकि बड़ी श्रृंखला वाले खुदरा कारोबारियों के लिए प्रत्येक आउटलेट पर सीमा को 10 टन से घटाकर 5 टन और सभी डिपो पर भंडारण सीमा 1,000 टन से घटाकर 500 टन की गई थी। आटा मिल मालिकों के लिए भंडारण सीमा अपनी स्थापित मासिक क्षमता के 70 फीसदी से घटाकर 60 फीसदी की गई थी।

First Published : June 24, 2024 | 4:55 PM IST