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टिकाऊ विमानन ईंधन भारत के लिए बड़ा अवसर: एयरबस सीओओ

गियौम फाउरी बोले—भारत में एसएएफ को अपनाने की अपार संभावनाएं, वैश्विक विमानन बाजार में निभा सकता है अहम भूमिका

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भाषा   
Last Updated- March 25, 2025 | 10:10 PM IST

एयरबस के मुख्य कार्य अधिकारी गियौम फाउरी ने कहा है कि कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद करने वाला टिकाऊ विमानन ईंधन (एसएएफ) भारत के लिए एक अवसर बन सकता है। एयरबस को भारत में बहुत अधिक संभावनाएं दिखाई देती हैं, जो दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते विमानन बाजारों में शामिल है।

उन्होंने कहा कि कंपनी के लिए भारत का मतलब ‘वृद्धि’ है। भारतीय एयरलाइन कंपनियों ने एयरबस को सैकड़ों विमानों के ऑर्डर दिए हैं। कंपनी के पास भारत में सी295 विमान के लिए संयुक्त उद्यम में ‘फाइनल असेंबली लाइन’ (एफएलए) है और इस साल हेलीकॉप्टर एच125 के लिए एक एफएएल स्थापित किया जाएगा।

फाउरी ने सोमवार कहा, ‘एसएएफ भारत के लिए एक अवसर है। टिकाऊ ईंधन भारत के एजेंडा में सबसे ऊपर है। भारत में वैश्विक विमानन कारोबार का बड़ा हिस्सा है। इसलिए भारत की वैश्विक व्यवस्था में बड़ी भूमिका और बड़ी जिम्मेदारी है।’ वह टूलूज में एयरबस शिखर सम्मेलन 2025 के दौरान बात कर रहे थे। वैश्विक कार्बन उत्सर्जन में विमानन क्षेत्र की करीब 2-3 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

एसएएफ इस उत्सर्जन को कम करने में मदद कर सकता है। उन्होंने टिकाऊ ईंधन के इस्तेमाल को विमानन क्षेत्र में एक बड़ी क्रांति बताया और कहा कि इस लक्ष्य को अभी हासिल किया जाना है।

First Published : March 25, 2025 | 10:10 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)