दिल्ली उच्च न्यायालय ने पट्टे पर लिए गए विमान का रखरखाव नहीं करने पर दिवालिया एयरलाइन गो फर्स्ट के रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (आरपी) को अवमानना नोटिस जारी किया। हालांकि आरपी शैलेंद्र अजमेरा को अभी न्यायालय में पेश होने के लिए नहीं कहा गया है, लेकिन उनसे इसका जवाब मांगा गया है कि उनके खिलाफ अवमानना कार्यवाही क्यों नहीं शुरू की जानी चाहिए।
आरपी ने विमान के रखरखाव का काम पट्टेदाता को सौंपने के लिए सहमति जताई है। पट्टादाता ने 15 मार्च को अगली सुनवाई से पहले इस सुझाव पर जवाब देने के लिए समय मांगा है। अदालत 1 मार्च को इस निष्कर्ष पर पहुंची थी कि आरपी अपने रिकॉर्ड के अनुसार विमान का रखरखाव करने में असमर्थ रहा।
जस्टिस तारा वितस्ता गंजू ने आरपी से कहा कि वह अदालत को बताए कि क्या वह संबंधित विमान के रखरखाव का काम किसी बाहरी इकाई या पट्टादाता को सौंप देंगे।
अदालत ने यह बात पट्टादाता डीएई (एसवाई22) 13 आयरलैंड डेजिगनेटेड ऐक्टिविटी कंपनी द्वारा पिछले साल नवंबर में आरपी के खिलाफ अदालती आदेशों का पालन नहीं करने (पट्टेदाताओं को मैंटेनेंस रिकॉर्ड मुहैया कराने के संबंध में) की वजह से एक अवमानना याचिका की सुनवाई के दौरान कही। इस मामले में 14 में से 10 पट्टादाताओं ने आरपी के खिलाफ अवमानना सुनवाई के लिए याचिका का समर्थन किया।