कुछ महीनों पहले अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग ने एक रिसर्च रिपोर्ट जारी की जिसमें भारत के सबसे बड़े बिजनेस में से एक अदाणी समूह पर कई तरह के आरोप लगाए गए। इस रिपोर्ट में अदाणी समूह पर पर करोड़ों रुपए की हेर-फेर का आरोप लगाया था, जिसके बाद ग्रुप के शेयर बुरे तरीके से पिटे थे। इससे अदाणी में समूह में निवेश करने वाले निवेशकों को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ था।
ये मामला इतना बढ़ गया था कि सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने इसमें हस्तक्षेप किया। अब इस मामले में सेबी जांच करेगी, लेकिन जांच के लिए सेबी को 3 महीने का समय मिलें या 6 महीने का, इस पर आज सुप्रीम कोर्ट फैसला सुनाएगा।
इस पूरे मामले के तूल पकड़ने के बाद से ही सेबी इस मामले में जांच कर रहा है। सेबी की ओर से जांच को पूरा करने के लिए छह महीनों का और वक्त मांगा गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि वह जांच पूरी करने के लिए सेबी को और 3 महीने का समय देने पर विचार कर सकता है।
बीती सुनवाई (शुक्रवार) के दौरान, पीठ ने सेबी की ओर से केस पेश कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि वह जांच पूरी करने के लिए बाजार नियामक को छह महीने के बजाय तीन महीने का समय दे सकती है।