ग्यारह मार्च से सभी वाहनों की फर्स्ट एड किट में अनिवार्य रूप से जेल की एक छोटी ट्यूब शामिल करने वाले बाध्यकारी आदेश पर ऑटो उद्योग ने अपना विरोध जताना शुरू कर दिया है। उद्योग तत्काल इसकी समय सीमा बढ़ाने की मांग कर रहा है।
फेराक्रिलम नामक इस जेल का इस्तेमाल जलने और घावों से रक्तस्राव रोकने के लिए किया जाता है। अलबत्ता वाहन विनिर्माताओं के अनुसार इसका उत्पादन एक ही कंपनी थेमिस मेडिकेयर द्वारा किया जाता है, जो उद्योग की मांग पूरी नहीं कर सकती है।
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सायम) ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को अपनी चिंता से अवगत कराया है। इसके सदस्य सामूहिक रूप से एक महीने में तकरीबन 20 लाख वाहनों का विनिर्माण और बिक्री करते हैं, जिनमें दोपहिया, तिपहिया, चार पहिया तथा निजी और वाणिज्यिक वाहनों की अन्य विभिन्न श्रेणियां शामिल हैं।
सायम को डर है कि जेल खरीदने में उसके सदस्यों की असमर्थता को केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के नियम 138(4)(डी) का उल्लंघन माना जा सकता है, जिससे संभावित रूप से हर रोज हजारों वाहनों की बिक्री और पंजीकरण प्रभावित हो सकता है।
इस मसले पर सायम और थेमिस मेडिकेयर से पूछे गए सवाल का कोई जवाब नहीं मिला।