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MPL Layoffs: गेमिंग इंडस्ट्री पर दिखने लगा 28% GST का असर, 350 कर्मचारियों की गई नौकरी

MPL ने कॉस्ट कटिंग के कारण 350 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। इस बात की जानकारी कंपनी द्वारा भेजे गए एक इंटरनल मेल में दी गई है।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- August 09, 2023 | 9:48 AM IST

MPL Layoffs: जीएसटी काउंसिल (GST Council) के ऑनलाइन गेमिंग (online gaming) पर 28 फीसदी जीएटी लगाने के बाद ऑनलाइन स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म मोबाइल प्रीमियम लीग (MPL) ने छंटनी शुरू कर दी है।

350 कर्मचारियों को किया कंपनी से बाहर

MPL ने कॉस्ट कटिंग के कारण 350 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। इस बात की जानकारी कंपनी द्वारा भेजे गए एक इंटरनल मेल में दी गई है।

कंपनी ने यह फैसला GST Council के ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और हॉर्स रेसिंग पर 28 फीसदी GST लगाने के बाद लिया गया है।

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MPL के को-फाउंडर ने भेजा ई-मेल

मोबाइल प्रीमियर लीग के को-फाउंडर साई श्रीनिवास (MPL Co-founder Sai Srinivas) ने अपने कर्मचारियों को भेजे एक ई-मेल में कहा कि पिछले हफ्ते यह स्पष्ट किया गया था कि 28 फीसदी GST ग्रॉस गेमिंग रेवेन्यू के बजाय पूरे वैल्यू पर लगाया जाएगा।

टैक्स का बढ़ा बोझ

कंपनी के को-फाउंडर ने कहा कि GST Council के नए नियमों के लागू होने से कंपनी के ऊपर टैक्स का बोझ करीब 35-400 फीसदी तक बढ़ जाएगा। उन्होंने कहा कि एक कंपनी के रूप में हम 50 फीसदी या ज्यादा से ज्यादा 100 फीसदी तक की वृद्धि के लिए तैयार हो सकते हैं। लेकिन अचानक से इस बड़े पैमाने पर वृद्धि को समायोजित करने के लिए हमें कुछ बहुत कठिन निर्णय लेने की आवश्यकता है।

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श्रीनिवास ने कहा, “हालांकि, इसके बावजूद, हमें अभी भी अपनी लोगों से संबंधित लागतों को कम करना होगा। अफसोस की बात है कि हमें आपमें से लगभग 350 लोगों की छंटनी करनी पड़ेगी। यह एक दिल दहला देने वाली प्रक्रिया रही है क्योंकि यह हमारे कई दोस्तों और सहकर्मियों को प्रभावित करती है।”

MPL के को-फाउंडर ने यह भी कहा कि कंपनी ने पहले ही सर्वर और कार्यालय बुनियादी ढांचे की लागत पर फिर से काम शुरू कर दिया है।

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, परिषद द्वारा ऑनलाइन गेमिंग और कैसीनो पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने का निर्णय लेने के बाद खर्चों में कटौती करने और बढ़े हुए जीएसटी का बोझ वहन करने के लिए यह निर्णय लिया गया।

मॉनसून सत्र में हो सकता है संशोधन

संसद के चल रहे मॉनसून सत्र में, सरकार केंद्रीय जीएसटी कानून में संशोधन पेश कर सकती है, जिसके बाद राज्य अपनी-अपनी विधानसभाओं में संशोधन पारित करेंगे। बता दें कि संशोधन 1 अक्टूबर तक पेश होने की संभावना है।

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First Published : August 9, 2023 | 9:48 AM IST