गौतम अदाणी समूह के खिलाफ अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट प्रकाशित होने पर समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई थी लेकिन रिपोर्ट के आने के एक साल पूरा होने तक समूह ने बाजार पूंजीकरण में हुए ज्यादातर नुकसान की भरपाई कर ली है। वह दुनिया के अग्रणी कोष प्रबंधकों से निवेश जुटा रहा है और सबसे महत्त्वपूर्ण नियामकीय जांच से भी वह लगभग बाहर निकल आया है।
रिपोर्ट में अदाणी समूह के खिलाफ लगाए गए आरोपों से समूह की कंपनियों के बाजार मूल्य में करीब 65 फीसदी या 12.4 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आई थी और यह 19.2 लाख करोड़ रुपये से घटकर 7 लाख करोड़ रुपये रह गई। समूह ने 20,000 करोड़ रुपये की ताजा शेयर बिक्री को पूर्ण अभिदान मिलने के बावजूद वापस ले लिया था।
हालांकि 27 फरवरी, 2023 के निचले स्तर से समूह के बाजार मूल्य में करीब दोगुना इजाफा हुआ है। समूह द्वारा कर्ज कम करने और खाते को दुरुस्त करने के प्रयास से शेयरों में तेजी आई। इस क्रम में प्रवर्तक ने मार्च 2023 में जीक्यूजी समूह को करीब 2 अरब डॉलर मूल्य के शेयरों की बिक्री की, जिससे समूह के प्रति निवेशकों का भरोसा बढ़ा।
इसके साथ ही सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अदाणी मामले की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) या केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के पास भेजने से इनकार करने से भी इस बात को बल मिला कि समूह के संबंध में बाजार नियामक की ओर से कोई नियामकीय विफलता नहीं हुई है।