स्कोडा ऑटो फोक्सवैगन इंडिया को सीमा शुल्क विभाग से मिले 1.4 अरब डॉलर के कर नोटिस के खिलाफ कंपनी की दलीलों पर बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को प्रथम दृष्टया असंतुष्टि जताई। अदालत ने नोटिस जारी करने से पहले किए गए प्रयासों और गहन शोध के लिए विभाग के एक अधिकारी की भी सराहना की। न्यायमूर्ति बी पी कोलाबावाला और न्यायूमूर्ति फिरदौस पूनीवाला की खंडपीठ ने कहा, ‘प्रथम दृष्टया, हम आपकी (स्कोडा ऑटो फोक्सवैगन इंडिया) दलीलों से संतुष्ट नहीं हैं। यह केवल प्रथम दृष्टया है। न्यायालय ने कहा, ‘कारण बताओ नोटिस के स्तर पर इस तरह की याचिका पर विचार करने के लिए आपको हमें भरोसा दिलाना होगा। यह बात हमें समझ में नहीं आ रही है कि क्या हमें कारण बताओ नोटिस के स्तर पर याचिका पर विचार करना चाहिए।’
कंपनी ने पिछले महीने अदालत में एक याचिका दायर कर नोटिस को चुनौती दी थी और इसे ‘मनमाना और अवैध’ करार दिया था। कर अधिकारियों ने इस कंपनी पर लगभग 1.4 अरब डॉलर की कथित सीमा शुल्क धोखाधड़ी के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। सीमा शुल्क धोखाधड़ी उन कारों पर लागू होती है, जिन्हें सीकेडी इकाई के तौर पर देश में लाया जाता है। सीकेडी इकाई का मतलब है कि किसी कार को अलग-अलग कलपुर्जों के तौर पर आयात किया जाए और फिर देश के भीतर असेंबलिंग कर एक कार तैयार कर दी जाए।
ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स ने सोमवार को कहा कि वह जेनेरिक दवाओं से संबंधित अमेरिका में मुकदमों का निपटारा करने के लिए तीन इकाइयों को 70 लाख अमेरिकी डॉलर का भुगतान करेगी। कंपनी ने शेयर बाजार को बताया कि 2023 में उसने तीन वादी समूहों के साथ समझौता किया था।