भारतीय रिजर्व बैंक ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) कंपनी रेलिगेयर एंटरप्राइजेज लिमिटेड (आरईएल) में अतिरिक्त 26 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करने के लिए डाबर के प्रवर्तक बर्मन परिवार की खुली पेशकश को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय बैंक ने आरईएल के मौजूदा बोर्ड/प्रबंधन ढांचे को बनाए रखने का भी निर्देश दिया।
भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि उसने आरईएल में बर्मन परिवार की चार इकाइयों पूरन एसोसिएट्स, वीआईसी एंटरप्राइजेज, एमबी फिनमार्ट और मिल्की इन्वेस्टमेंट एंड ट्रेडिंग कंपनी की शेयरधारिता में प्रस्तावित वृद्धि के लिए अपनी मंजूरी दे दी है।
रेलिगेयर एंटरप्राइजेज के शेयरधारक कंपनी की कार्यकारी चेयरपर्सन रश्मि सलूजा के भविष्य का फैसला करेंगे, जो 31 दिसंबर को होने वाली वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में निदेशक के रूप में पुनर्नियुक्ति की मांग कर रही हैं। अरबपति बर्मन परिवार द्वारा शेयरों के अधिग्रहण को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से सोमवार को मंजूरी दिए जाने के कुछ ही सप्ताह बाद यह एजीएम हो रही है। इस बात के आसार हैं कि वित्तीय सेवा कंपनी की लगभग 25 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाला बर्मन परिवार सलूजा की पुनर्नियुक्ति के खिलाफ मतदान करेगा।
पिछले साल सितंबर में घोषित खुली पेशकश के जरिये 26 प्रतिशत की अतिरिक्त हिस्सेदारी हासिल करने की बर्मन परिवार की कोशिश के खिलाफ सलूजा के नेतृत्व में निदेशक मंडल के विरोध के बाद ऐसा हुआ है। निदेशक मंडल ने विनियामकों को लिखा था कि बर्मन परिवार आरबीआई के ‘उपयुक्त और उचित’ मानदंडों को पूरा नहीं करता है। बर्मन परिवार ने निदेशक मंडल के इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा था कि वे कंपनी का अधिग्रहण करने के लिए सभी मानदंडों को पूरा करता है।
नामांकन और पारिश्रमिक समिति तथा कंपनी के निदेशक मंडल ने आगामी एजीएम में शेयरधारकों के विचार के लिए सलूजा की पुनर्नियुक्ति का प्रस्ताव रखा था। शेयरधारकों के नोटिस में कहा गया है, ‘उनके कार्यकाल के दौरान परिवर्तन से शेयरधारकों के मूल्य में वृद्धि हुई है, जैसा कि रेलिगेयर के बाजार पूंजीकरण में वृद्धि से दिखता है, जो 10 करोड़ डॉलर से भी कम के मुकाबले बढ़कर एक अरब डॉलर हो गया है।’ मंगलवार को बीएसई पर आरईएल का कुल बाजार मूल्यांकन 9,514 करोड़ रुपये था।