प्रतिभूति अपील पंचाट (सैट) ने ब्राइटकॉम ग्रुप के खिलाफ बाजार नियामक के आदेश के खिलाफ हस्तक्षेप करने से गुरुवार को इनकार कर दिया।
सैट में तकनीकी सदस्य मीरा स्वरूप ने कहा, ‘हालांकि जांच चल रही है, तरजीही आवंटन के 82 आवंटियों में से 22 से संबंधित लेनदेन की जांच से प्रथम दृष्टया अपीलकर्ता संख्या 2 द्वारा धन के हेरफेर के सबूत मिले हैं। अपीलकर्ताओं द्वारा मेरे समक्ष द्वारा दायर किए गए किसी भी विपरीत साक्ष्य के अभाव में, मुझे आदेश पारित करने में कोई कमी नहीं दिखती है।’
22 अगस्त 2023 के आदेश में बाजार नियामक सेबी ने ब्राइटकॉम को तत्कालीन चेयरमैन एसके रेड्डी को बाजारों से और सूचीबद्ध कंपनियों में निदेशक पद हासिल करने से वंचित कर दिया था।
ब्राइटकॉम ग्रुप ने रेड्डी और कंपनी के सीएफओ नारायण राजू को मुख्य पद पर तैनात होने से रोकने के सेबी के आदेश पर रोक की मांग के लिए पंचाट का दरवाजा खटखटाया था।
सेबी ने 21 अन्य को भी कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बेचने से प्रतिबंधित कर दिया था, जिनमें निवेशक शंकर शर्मा भी शामिल हैं। सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अश्विनी भाटिया ने अपने आदेश में कहा था कि कंपनी ने गुमराह करने के इरादे से सेबी को फर्जी बैंक खाता विवरण सौंपा था।
सेबी ने पाया कि ब्राइटकॉम ने स्वयं फंडों की राउंड-ट्रिपिंग द्वारा अपने तरजीही आवंटन को वित्तपोषित किया और फर्जी तरीके से शेयर आवेदन पूंजी की प्राप्ति के लेखांकन से बहीखाता बढ़ गया। ब्राइटकॉम का शेयर अगस्त 2023 में सेबी द्वारा दिए गए आदेश के बाद से करीब 20 प्रतिशत गिरा है।