कॉरपोरेट कर (corporate tax) संग्रह दो साल के अंतराल के बाद वित्त वर्ष 2021-22 में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के तीन प्रतिशत से अधिक हो गया। यह वृद्धि वस्तुओं और सेवाओं की मांग में वृद्धि से भारतीय उद्योग जगत के मुनाफे में सुधार को दर्शाती है।
हालांकि, कॉरपोरेट कर संग्रह वित्त वर्ष 2018-19 में दर्ज किए गए सकल घरेलू उत्पाद के मुकाबले 3.51 प्रतिशत के स्तर से अभी भी कम है।
वास्तविक रूप से शुद्ध कॉरपोरेट कर संग्रह वर्ष 2021-22 में 7.12 लाख करोड़ रुपये रहा। मौजूदा बाजार भाव पर सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 236.64 लाख करोड़ रुपये था। इस तरह जीडीपी के मुकाबले शुद्ध कॉरपोरेट कर संग्रह 3.01 प्रतिशत के करीब रहा।
जीडीपी के मुकाबले कॉरपोरेट कर संग्रह के पिछले पांच साल के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि यह अनुपात 2018-19 में सबसे अधिक था। उस साल शुद्ध कॉरपोरेट कर संग्रह 6.63 लाख करोड़ रुपये यानी सकल घरेलू उत्पाद का 3.51 प्रतिशत रहा।