अर्थव्यवस्था

In Parliament: बंदरगाहों से केवल 48 घंटे में निकल जाते है जहाज, पहले लगते थे कई दिन: सोनोवाल

प्रमुख बंदरगाहों के लिए औसत टर्नअराउंड समय 2013-14 में 93.59 घंटे से घटकर 2023-24 में 48.06 घंटे हो गया है, जो 48.65% की कमी है।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- December 03, 2024 | 5:03 PM IST

भारत सरकार ने समुद्री व्यापार परिवहन में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। भारत के प्रमुख बंदरगाहों पर टर्नअराउंड टाइम का औसत अब केवल 48.06 घंटे रह गया है। 2013-14 के दौरान भारतीय बंदरगाहों पर जहाजों का टर्नअराउंड टाइम का औसत 93.59 घंटे था। यह जानकारी  मंगलवार को केंद्रीय जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

किसी जहाज को बंदरगाह पर अपना काम पूरा करने याने माल उतारने और माल लादकर फिर यात्रा पर निकल जाने में लगने वाले समय को टर्नअराउंड टाइम कहते है।

टर्नअराउंड समय घटा

केंद्रीय मंत्री  सर्बानंद सोनोवाल ने संसद में बताया कि प्रमुख बंदरगाहों के लिए औसत टर्नअराउंड समय 2013-14 में 93.59 घंटे से घटकर 2023-24 में 48.06 घंटे हो गया है, जो 48.65 % की कमी है। सरकार ने टर्नअराउंड समय को बेहतर बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं जैसे कि नए बर्थ, टर्मिनल और पार्किंग प्लाजा का निर्माण, मौजूदा बर्थ और टर्मिनल का मशीनीकरण / आधुनिकीकरण / अनुकूलन, डिजिटलीकरण के माध्यम से प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना, रेल और सड़क के माध्यम से अंतर्देशीय कनेक्टिविटी का विस्तार आदि।

प्रमुख बंदरगाहों में बर्थ आवंटन और पोत अनुक्रमण मंत्रालय द्वारा जारी बर्थिंग नीति के अनुसार किया जाता है। प्रमुख बंदरगाहों का बुनियादी ढांचा विकास और क्षमता वृद्धि एक सतत प्रक्रिया है, इसमें नए बर्थ और टर्मिनलों का निर्माण, मौजूदा बर्थ और टर्मिनलों का मशीनीकरण, बड़े जहाजों को आकर्षित करने के लिए ड्राफ्ट को गहरा करने के लिए पूंजी ड्रेजिंग, सड़क और रेल संपर्क का विकास आदि शामिल हैं।

First Published : December 3, 2024 | 5:03 PM IST