facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

In Parliament: बंदरगाहों से केवल 48 घंटे में निकल जाते है जहाज, पहले लगते थे कई दिन: सोनोवाल

प्रमुख बंदरगाहों के लिए औसत टर्नअराउंड समय 2013-14 में 93.59 घंटे से घटकर 2023-24 में 48.06 घंटे हो गया है, जो 48.65% की कमी है।

Last Updated- December 03, 2024 | 5:03 PM IST
AVERAGE TURNAROUND TIME OF MAJOR PORTS

भारत सरकार ने समुद्री व्यापार परिवहन में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। भारत के प्रमुख बंदरगाहों पर टर्नअराउंड टाइम का औसत अब केवल 48.06 घंटे रह गया है। 2013-14 के दौरान भारतीय बंदरगाहों पर जहाजों का टर्नअराउंड टाइम का औसत 93.59 घंटे था। यह जानकारी  मंगलवार को केंद्रीय जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

किसी जहाज को बंदरगाह पर अपना काम पूरा करने याने माल उतारने और माल लादकर फिर यात्रा पर निकल जाने में लगने वाले समय को टर्नअराउंड टाइम कहते है।

टर्नअराउंड समय घटा

केंद्रीय मंत्री  सर्बानंद सोनोवाल ने संसद में बताया कि प्रमुख बंदरगाहों के लिए औसत टर्नअराउंड समय 2013-14 में 93.59 घंटे से घटकर 2023-24 में 48.06 घंटे हो गया है, जो 48.65 % की कमी है। सरकार ने टर्नअराउंड समय को बेहतर बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं जैसे कि नए बर्थ, टर्मिनल और पार्किंग प्लाजा का निर्माण, मौजूदा बर्थ और टर्मिनल का मशीनीकरण / आधुनिकीकरण / अनुकूलन, डिजिटलीकरण के माध्यम से प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना, रेल और सड़क के माध्यम से अंतर्देशीय कनेक्टिविटी का विस्तार आदि।

प्रमुख बंदरगाहों में बर्थ आवंटन और पोत अनुक्रमण मंत्रालय द्वारा जारी बर्थिंग नीति के अनुसार किया जाता है। प्रमुख बंदरगाहों का बुनियादी ढांचा विकास और क्षमता वृद्धि एक सतत प्रक्रिया है, इसमें नए बर्थ और टर्मिनलों का निर्माण, मौजूदा बर्थ और टर्मिनलों का मशीनीकरण, बड़े जहाजों को आकर्षित करने के लिए ड्राफ्ट को गहरा करने के लिए पूंजी ड्रेजिंग, सड़क और रेल संपर्क का विकास आदि शामिल हैं।

First Published - December 3, 2024 | 5:03 PM IST

संबंधित पोस्ट