आकलन वर्ष 2024-25 के लिए 31 जुलाई तक रिकॉर्ड 7.28 करोड़ आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल किए गए हैं। आयकर विभाग ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। कुल फाइलिंग में 5.27 करोड़ लोगों ने नई कर प्रणाली के आधार पर आयकर रिटर्न दाखिल किया है, जबकि 2.01 करोड़ लोगों ने पुरानी कर प्रणाली अपनाई है। पिछले साल इस अवधि के दौरान 6.77 करोड़ रिटर्न दाखिल किए गए थे।
नई कर प्रणाली को डिफॉल्ट व्यवस्था बनाया गया है यानी अगर करदाता ने विकल्प नहीं चुना है तो यह स्वत: ही लागू हो जाता है। लेकिन अगर किसी व्यक्ति को कारोबार से आमदनी नहीं होती है तो वह वित्त वर्ष के दौरान बदलाव कर किसी भी कर प्रणाली को चुन सकता है, जो उसके लिए उचित हो।
नई कर प्रणाली को आकर्षक बनाने के लिए बजट 2024 में आयकर स्लैब में बदलाव किया गया है। यह बदलाव मुख्य रूप से कम कर ढांचे के स्तर पर है, जिससे वेतनभोगी वर्ग को फायदा होगा। आयकर विभाग ने लगातार तीसरे साल रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई के आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया। अंतिम तिथि के बाद आईटीआर दाखिल करने पर 5,000 रुपये तक जुर्माना देना पड़ेगा। हालांकि ऐसे छोटे करदाताओं को सिर्फ1000 रुपये का भुगतान करना होगा, जिनकी कर योग्य आय 5 लाख रुपये तक है।
इस साल 58.57 लाख आईटीआर पहली बार दाखिल हुए हैं, जिससे कर का आधार बढ़ने व अनुपालन में सुधार का पता चलता है। सबसे ज्यादा करीब 69.92 लाख आईटीआर 31 जुलाई 2024 को दाखिल किए गए, जो वेतनभोगी करदाताओं व अन्य गैर कर ऑडिट वाले करदाताओं के लिए अंतिम तिथि थी।
रिटर्न प्लेटफॉर्म पर 17 जुलाई को प्रति सेकंड 917 आईटीआर और 31 जुलाई को प्रति मिनट 9,367 आईटीआर दाखिल किए गए, जो एक रिकॉर्ड है। पहली बार प्रमुख प्रमुख आईटीआर फॉर्म (आईटीआर-1, आईटीआर-2, आईटीआर-4 और आईटीआर-6) ई-फाइलिंग पोर्टल पर 1 अप्रैल 2024 से उपलब्ध कराए गए थे। आईटीआर-3 और आईटीआर-5 भी पिछले वित्त वर्षों की तुलना में पहले उपलब्ध करा दिए गए थे।
सिर्फ 31 जुलाई को ही 3.2 करोड़ सफल लॉगिन हुए। इसके साथ ही 6.21 करोड़ आईटीआर का ई-वैरीफिकेशन हुआ, जिसमें से 5.81 करोड़ में आधार आधारित ओटीपी का इस्तेमाल हुआ, जिससे इस तरीके की 93.56 प्रतिशत स्वीकार्यता दर का पता चलता है।
ई-वेरीफाइड रिटर्न में 43.34 फीसदी (2.69 करोड़ से ज्यादा) 31 जुलाई तक प्रॉसेस किए गए। टिन 2.0 भुगतान व्यवस्था में भी उल्लेखनीय गतिविधि देखी गई। जुलाई 2024 में आकलन वर्ष 2024-25 के लिए 91.94 लाख चालान प्राप्त हुए। 1 अप्रैल, 2024 से कुल 1.64 करोड़ चालान प्राप्त हुए हैं। ई-फाइलिंग हेल्पडेस्क ने करीब 10.64 लाख करदाताओं के सवालों को देखा और उनकी मदद की।