भारत की विनिर्माण गतिविधियां मार्च में आठ महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं। एक निजी सर्वे ने मंगलवार को बताया कि कंपनियों को ‘जबरदस्त मांग’ से बिक्री में मदद मिली और इससे विनिर्माण गतिविधियां एक साल से अधिक की सुस्ती से उबरीं।
एचएसबीसी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) मार्च में बेहतर होकर 58.1 हो गया जबकि यह फरवरी में 14 महीने के निचले स्तर 56.3 पर था। इस सूचकांक का संकलन एसऐंडपी ग्लोबल ने किया था। पीएमआई के तहत 50 से ऊपर का आंकड़ा उत्पादन गतिविधियों में विस्तार जबकि 50 से नीचे का आंकड़ा संकुचन को दर्शाता है। मार्च का आंकड़ा लगातार 45वें महीने विस्तार के दायरे में रहा।
सर्वे के मुताबिक, ‘अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर की वृद्धि में सुस्ती के बावजूद मार्च में वृद्धि दर्ज हुई। कंपनियों को ग्राहकों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अपने भंडार का उपयोग करना पड़ा, जिसके परिणामस्वरूप जनवरी 2022 के बाद से तैयार माल के भंडार में सबसे तेज गिरावट आई।’कंपनियों ने इस महीने में बीते सात महीने के दौरान सबसे तेज गति से अतिरिक्त उत्पादन किया ताकि गिरते हुए स्टॉक की भरपाई हो सके।