वित्त वर्ष 2025 की अप्रैल-जून तिमाही में विदेश में रह रहे भारतीयों ने प्रवासी भारतीय (एनआरआई) जमा योजनाओं में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 79 प्रतिशत अधिक धन जमा किया है। सोमवार को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी आंकड़ों से यह पता चलता है।
वित्त वर्ष 2024 की अप्रैल-जून तिमाही में एनआरआई योजनाओं में आवक 3.95 अरब डॉलर रही है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में 2.21 अरब डॉलर थी। इसके साथ ही जून में कुल एनआरआई जमा 155.71 अरब डॉलर हो गया है।
बहरहाल आंकड़ों से पता चलता है कि जून महीने में विभिन्न एनआरआई योजनाओं में आवक 1.23 अरब डॉलर रही, जो मई में 1.7 अरब डॉलर थी।
एनआरआई जमा योजनाओं में फॉरेन करेंसी नॉन-रेजीडेंट (एफसीएनआर) डिपॉजिट, नॉन रेजिडेंट एक्सटर्नल (एनआरई) डिपॉजिट और नॉन रेजिडेंट ऑर्डिनरी डिपॉजिटल शामिल हैं।
वित्त वर्ष 2025 की अप्रैल जून तिमाही में सबसे ज्यादा आवक एफसीएनआर (बी) में हुई है। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक इस अवधि में इन खातों में 1.68 अरब डॉलर आया है, जो पिछले साल की समान अवधि में 1.12 अरब डॉलर था। इस तरह के खातों में कुल जमा 27.41 अरब डॉलर हो गया है।
एफसीएनआर बी खातों में भारत में 1 साल से 5 साल तक के लिए सावधि जमा किया जाता है, जो पूरी तरह विदेशी मुद्रा में परिवर्तनीय होता है। यह खाता विदेशी मुद्रा के मुताबिक चलता है, इसलिए जमा की अवधि में मुद्रा में उतार-चढ़ाव का असर इस जमा पर नहीं पड़ता है।
बहरहाल इस अवधि के दौरान एनआरई जमा में कुल आवक 1.53 अरब डॉलर रही है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में 48.9 करोड़ रुपये जमा किए गए थे। अब एनआरई खाते में कुल जमा 100 अरब डॉलर के करीब पहुंच गया है।
इसी तरह से वित्त वर्ष 2025 की अप्रैल-जून तिमाही में एनआरओ जमा में 74.3 करोड़ डॉलर आए हैं, जबकि पिछले साल की समान अवधि में 59.8 करोड़ डॉलर आए थे। एनआरओ जमा इस समय कुल 28.24 अरब डॉलर हो गया है।