चुनावी चटनी का स्वाद!

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 10, 2022 | 5:40 PM IST

उत्पाद कर व सेवा कर में 2-2 फीसदी की कटौती के फैसले को उद्यमी चुनावी घोषणा मान रहे हैं।
ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि सेवा कर में कटौती से मालभाड़े में कोई कमी नहीं आएगी, क्योंकि कुल भाड़े के 75 फीसदी किराए पर सेवा कर नहीं लगता है।
वहीं लघु उद्यमियों का कहना है कि 10,000 रुपये के सामान में 200 रुपये की कटौती होने से उसकी मांग में कोई फर्क नहीं पड़ेगा,  पुराने स्टॉक को बाजार में निकालने में इस फैसले से मदद मिल सकती है।
ऑल इंडिया मोटर कांग्रेस के अध्यक्ष एचएस लोहारा कहते हैं कि मालभाड़े में कोई अंतर नहीं होने जा रहा है क्योंकि पहले से ही कुल भाड़े के 25 फीसदी हिस्से पर ही सेवा कर लगता है। अन्य विभिन्न करों के कारण 75 फीसदी भाड़े को सेवा कर के दायरे से बाहर रखा गया है। फिलहाल सेवा कर 12.36 फीसदी है जो घटकर 10.36 हो जाएगा।
फेडरेशन ऑफ माइक्रो, स्मॉल, व मीडियम इंडस्ट्रीज (फिस्मे) के सचिव ए भारद्वाज कहते हैं, ‘लघु व मझोले उद्यमियों को उत्पाद कर में 2 फीसदी की कटौती से राहत नहीं मिलने वाली है। सरकार को इससे 20-30 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होगा। सरकार एक बड़े पैकेज की घोषणा कर सकती थी।’
ग्रेटर नोएडा उद्यमी संघ के अध्यक्ष आदित्य घिल्डियाल कहते हैं, ‘उत्पाद कर में कटौती का लाभ तभी मिलेगा जब यह चार- छह महीनों तक जारी रहेगी।’

First Published : February 25, 2009 | 10:43 AM IST