आईटी सेवा कंपनी इन्फोसिस के गैर कार्यकारी चेयरमैन नंदन नीलकेणी ने सब तक वित्तीय सुविधा पहुंचाने में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) की परिवर्तनकारी भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने जोर दिया कि कैसे एआई आधारित भाषा मॉडल अरबों लोगों की वित्तीय सेवाओं तक पहुंच बनाने में मदद कर रहे हैं।
नीलेकणी ने कहा, ‘आईआईटी मद्रास में एआई फॉर भारत के लिए कुछ काम किए जा रहे हैं जिनमें भारतीय भाषाओं के लिए ओपन डेटा तैयार करना भी शामिल है। इसका एनपीसीआई उपयोग कर रहा है। उदाहरण के लिए वे हिंदी और अंग्रेजी में वॉयस एक्टिवेटेड कमांड (जो आवाज से सक्रिय हो) तैयार कर रहे हैं।’
उन्होंने समझाया कि अब भारत में कोई भी व्यक्ति कोई जानकारी हासिल करने अथवा अपने काम को पूरा करने के लिए अपनी पसंदीदा भाषा में संवाद कर सकता है। इससे अरबों लोगों की वित्तीय सेवाओं तक पहुंच संभव होगी। नीलकेणी मुंबई में आयोजित सहमति संवाद 2024 में फायरसाइड चैट में बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि भारत में डिजिटलीकरण को इस तरह से तैयार किया गया है कि वे वित्तीय समावेशन की ओर ले जाएं। इसकी शुरुआत आधार बनाने से हुई। उसके बाद इसका उपयोग जनधन-आधार मोबाइल (जैम) के तहत बैंक खाते खोलने के लिए किया गया, फिर यूपीआई आया, आधार आधारित भुगतान प्रणाली की शुरुआत की गई, फिर भीम की पेशकश की गई और फिर अकाउंट एग्रीगेटर सिस्टम बना।