वित्त-बीमा

Banking sector: बढ़ते ऋण-जमा अंतर पर RBI ने बैंकों को चेताया, बिजनेस प्लान पर फिर से करें काम

गवर्नर ने छोटे ऋण पर अत्यधिक ब्याज वसूलने वाली गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और माइक्रो फाइनैंस फर्मों को चेताया।

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अभिजित लेले   
Last Updated- June 07, 2024 | 11:12 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैंकों के बोर्डों से आज कहा कि ऋण व जमा के बीच आए अंतर और नकदी प्रबंधन, पुन: मूल्य व जारी जोखिमों के मद्देनजर बिजनेस योजना पर फिर से कार्य करें।

दास ने वक्तव्य में कहा, ‘ऋण और जमा वृद्धि में अंतर ने बैंकों के बोर्डों को बिज़नेस प्लान की रणनीतियों पर फिर से कार्य करने को मजबूर किया है। संपत्ति और देनदारियों के बीच विवेकपूर्ण संतुलन बनाए रखना होगा। ‘

गवर्नर ने छोटे ऋण पर अत्यधिक ब्याज वसूलने वाली गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और माइक्रो फाइनैंस फर्मों को चेताया। उन्होंने कहा कि नियामक गैरसुरक्षित ऋणों में वृद्धि और उसके जोखिम पर निगरानी रखेगा।

आरबीआई के 17 मई, 2024 को समाप्त हुए पखवाड़े के आंकड़ों के मुताबिक ऋण और जमा वृद्धि दर का अनुपात 3.1 प्रतिशत (310 आधार अंक) है। इसके बावजूद बैंक बीते एक वर्ष से अधिक समय से सक्रिय रूप से जमा राशि कर रहे हैं। उधारी और जमा वृद्धि में अंतर 3.0 और 3.5 प्रतिशत के बीच रही है। इसमें एचडीएफसी बैंक में एचडीएफसी के विलय के प्रभाव को शामिल नहीं किया गया है।

यदि इस विलय को शामिल किया जाता है तो यह अंतर बढ़कर 6.2 प्रतिशत (620 आधार अंक) हो जाता है। आरबीआई ने अप्रैल 2024 के बाद दूसरी बार ऋण और जमा दर वृद्धि के अंतर पर चिंता जताई है। सितंबर 2023 के बाद से बैंकों का ऋण-जमा अनुपात (सी/डी अनुपात) 80 प्रतिशत के करीब रहा है।

बैंकों को नियामक की 4.5 प्रतिशत नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) और 18 प्रतिशत वैधानिक तरलता अनुपात (एसएसआर) के मद्देनजर ऋण की मांग के लिए धन मुहैया कराने पर दबाव का सामना करना पड़ रहा है। रिसर्च केयर एज के एसोसिएट डायेरक्टर, बीएफएसआई सौरभ भालेराव ने कहा कि वित्त वर्ष 25 में सी/डी अनुपात 81 प्रतिशत से ऊपर रहने की संभावना है।

First Published : June 7, 2024 | 10:05 PM IST