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CM केजरीवाल की अनुपस्थिति में छात्रों के अधिकार नहीं रौंद सकते: दिल्ली हाईकोर्ट

पीठ ने कहा, ‘राष्ट्रीय हित और सार्वजनिक हित की मांग है कि इस पद पर रहने वाला कोई भी व्यक्ति लंबे समय तक या अनिश्चित समय के लिए संपर्क से दूर या अनुपस्थित न रहे।'

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भाषा   
Last Updated- April 29, 2024 | 10:17 PM IST

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि अरविंद केजरीवाल का गिरफ्तारी के बावजूद मुख्यमंत्री पद पर बने रहने का फैसला ‘निजी’ है, लेकिन इसका अभिप्राय यह नहीं है कि स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों के मौलिक अधिकारों को रौंद दिया जाए।

अदालत ने कहा कि केजरीवाल की अनुपस्थिति में नगर निगम के विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों को मुफ्त पाठ्य पुस्तकों, लेखन सामग्री और यूनिफॉर्म के बिना पहला सत्र पूरा करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

अदालत ने कहा कि दिल्ली जैसी व्यस्त राजधानी ही नहीं, किसी भी राज्य में मुख्यमंत्री का पद कोई औपचारिक पद नहीं है। यह एक ऐसा पद है जहां पदधारक को बाढ़, आग और बीमारी जैसी प्राकृतिक आपदा या संकट से निपटने के लिए 24 घंटे सातों दिन उपलब्ध रहना पड़ता है।

पीठ ने कहा, ‘राष्ट्रीय हित और सार्वजनिक हित की मांग है कि इस पद पर रहने वाला कोई भी व्यक्ति लंबे समय तक या अनिश्चित समय के लिए संपर्क से दूर या अनुपस्थित न रहे। यह कहना कि आदर्श आचार संहिता के दौरान कोई भी महत्त्वपूर्ण निर्णय नहीं लिया जा सकता अनपुयक्त है।’

First Published : April 29, 2024 | 10:17 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)