facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

CM केजरीवाल की अनुपस्थिति में छात्रों के अधिकार नहीं रौंद सकते: दिल्ली हाईकोर्ट

पीठ ने कहा, ‘राष्ट्रीय हित और सार्वजनिक हित की मांग है कि इस पद पर रहने वाला कोई भी व्यक्ति लंबे समय तक या अनिश्चित समय के लिए संपर्क से दूर या अनुपस्थित न रहे।'

Last Updated- April 29, 2024 | 10:17 PM IST
BJP wrongly captured MCD, stole mandate: Kejriwal on standing committee elections भाजपा ने MCD पर गलत तरीके से कब्जा किया, जनादेश चुराया: स्थायी समिति चुनाव पर केजरीवाल ने कहा

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि अरविंद केजरीवाल का गिरफ्तारी के बावजूद मुख्यमंत्री पद पर बने रहने का फैसला ‘निजी’ है, लेकिन इसका अभिप्राय यह नहीं है कि स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों के मौलिक अधिकारों को रौंद दिया जाए।

अदालत ने कहा कि केजरीवाल की अनुपस्थिति में नगर निगम के विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों को मुफ्त पाठ्य पुस्तकों, लेखन सामग्री और यूनिफॉर्म के बिना पहला सत्र पूरा करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

अदालत ने कहा कि दिल्ली जैसी व्यस्त राजधानी ही नहीं, किसी भी राज्य में मुख्यमंत्री का पद कोई औपचारिक पद नहीं है। यह एक ऐसा पद है जहां पदधारक को बाढ़, आग और बीमारी जैसी प्राकृतिक आपदा या संकट से निपटने के लिए 24 घंटे सातों दिन उपलब्ध रहना पड़ता है।

पीठ ने कहा, ‘राष्ट्रीय हित और सार्वजनिक हित की मांग है कि इस पद पर रहने वाला कोई भी व्यक्ति लंबे समय तक या अनिश्चित समय के लिए संपर्क से दूर या अनुपस्थित न रहे। यह कहना कि आदर्श आचार संहिता के दौरान कोई भी महत्त्वपूर्ण निर्णय नहीं लिया जा सकता अनपुयक्त है।’

First Published - April 29, 2024 | 10:17 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट