दिल्ली में सड़कों की सफाई अब मशीनों से होगी। सरकार इनकी सफाई का जिम्मा mcd से लेकर pwd को देने का निर्णय लिया है। सरकार ने आज 70 मैकेनिकल रोड़ स्वीपिंग मशीन खरीदने को भी मंजूरी दी है। दिल्ली की सड़कें अब चकाचक होंगी और वायु प्रदूषण में भी कमी आएगी।
दिल्ली के पीडब्ल्यूडी मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पीडब्ल्यूडी की करीब 1449 किलोमीटर लंबी बड़ी सड़कें (60 फुट से चौड़ी) हैं। उनकी सफाई एमसीडी की बजाए अब दिल्ली सरकार का पीडब्ल्यूडी विभाग करेगा।
दिल्ली सरकार 70 विधानसभाओं के हिसाब से 70 मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीन खरीदेगी। प्रदूषण को कम करने के लिए 250 वार्ड के हिसाब से 250 वाटर स्प्रिंकलिंग मशीन खरीदने का भी निर्णय लिया गया है। इनके साथ इंटीग्रेटेड एंटी स्मॉग गन होंगी। इसके ऊपर 7 से 10 साल के भीतर अनुमानित खर्च 2,388 करोड रुपए खर्च होंगे। इसके ऊपर पहले साल की लागत 257 करोड़ आएगी। इनको को दिल्ली जल बोर्ड के सीवर ट्रीटमेंट प्लांट से 1500 किलो लीटर पानी प्रतिदिन दिया जाएगा।
दिल्ली की सड़कों पर लगे पेड़ों को धोया जाएगा
दिल्ली में कुल 250 वार्ड हैं। ऐसे में हर वार्ड में स्प्रिंकलिंग मशीन दी जाएगी। इन 250 एंटी स्मॉग गन कम स्प्रिंकलर्स से दिल्ली की छोटी-छोटी सड़कों और सड़कों के दोनों तरफ लगाकर पेड़ों को धोया जाएगा। इसके लिए एजेंसी को फुटपाथ और सड़कों को धोने और मैकेनिकल स्पीपिंग के लिए 10 साल का कांट्रैक्ट दिया जाएगा।
दिल्ली की सारी सड़कों को धोने के लिए प्रतिदिन लगभग 10 हजार किलोलीटर पानी की जरूरत पड़ेगी। जलबोर्ड के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से निकलने वाले पानी को अभी यमुना में बहा दिया जाता है, लेकिन अब यह पानी सड़कों को धोने के काम आएगा।