केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने सोमवार को अनुदान की पूरक मांग के दूसरे व अंतिम चरण के माध्यम से करीब 2,00,000 करोड़ रुपये के सकल अतिरिक्त व्यय के लिए संसद से मंजूरी मांगी है, जिसमें 78,673 करोड़ रुपये का शुद्ध नकद व्यय शामिल है।
सकल अतिरिक्त व्यय की पूर्ति 1.21 लाख करोड़ रुपये बचत से की जाएगी। 2024-25 के अंतरिम बजट के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में सरकार का कुल व्यय 44.90 लाख करोड़ रुपये होगा, जो 2022-23 की तुलना में 7.1 प्रतिशत है।
विभिन्न विभागों और मंत्रालयों की पूरक मांग के दूसरे खंड में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के लिए 10,798 करोड़ रुपये शामिल है। इसके माध्यम से खाद्य व उर्वरक सब्सिडी के लिए क्रमशः 9,231 करोड़ रुपये और 3,000 करोड़ रुपये मिलेंगे।
कुछ अन्य बड़े व्यय में रक्षा सेवाओं के भुगतान के लिए 9,162 करोड़ रुपये और रक्षा पेंशन के लिए 3,890 करोड़ रुपये का प्रावधान शामिल है। आर्थिक मामलों के विभाग के लिए 5,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जो वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष में स्थानांतरित किया जाएगा।
करीब 84 करोड़ रुपये प्रवर्तन निदेशालय के प्रतिष्ठान संबंधी व्यय के लिए दिए गए हैं, जिससे बढ़ी परिचालन गतिविधियों और नए कार्यालयों पर आने वाले व्यय की भरपाई हो सके।