देश में परिवारों को हफ्ते के सातों दिन और चौबीसों घंटे बिजली उपलब्ध होने से सरकार अब इलेक्ट्रिक कुकिंग (ई-कुकिंग) को बढ़ावा देना चाहती है। सरकार को उम्मीद है कि हर समय बिजली उपलब्ध होने से लोग अब ई-कुकिंग को अपनाएंगे। इस तरह लोग रसोईघरों में खाना पकाने आदि के लिए बिजली के उपकरणों का इस्तेमाल करेंगे।
अतिरिक्त बिजली सचिव अजय तिवारी ने सोमवार को यहां आयोजित एक सम्मेलन में कहा, ‘‘हम ई-कुकिंग की ओर बढ़ना चाहते हैं क्योंकि हमारे घरों में चौबीसों घंटे सातों दिन बिजली उपलब्ध है।’’ उन्होंने बताया कि भारत ने केवल 18 माह में उन 2.6 करोड़ परिवारों को ‘सौभाग्य’ (योजना) कनेक्शन दिए हैं, जिनको बिजली की सुविधा उपलब्ध नहीं थी।
उन्होंने कहा कि दुनिया के इतिहास में इससे पहले कभी भी इतने कम समय में इतने अधिक घरों को बिजली से रोशन नहीं किया गया है। बिजली मंत्रालय ने बयान में तिवारी के हवाले से कहा, ‘‘हम सभी शहरी इलाकों में 23.5 घंटे और ग्रामीण इलाकों में 23 घंटे और इससे भी ज्यादा बिजली की आपूर्ति कर रहे हैं। यह एक बड़ी उपलब्धि है कि बिजली कटौती का दौर पीछे छूट गया है।’’
उन्होंने कहा कि दुनिया में 70 करोड़ लोगों की अब भी बिजली तक पहुंच नहीं है, और सार्वभौमिक ऊर्जा पहुंच जी20 की प्राथमिकताओं में से एक है। उन्होंने कहा कि सौर और तापीय बिजली से ई-कुकिंग को प्रोत्साहन देना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हम एकत्रीकरण मॉडल के साथ आ रहे हैं जिससे कीमतें नीचे लाई जा सकती हैं। यदि हमारे पास मानक और किफायती मॉडल हैं, तो हमें 2-3 साल के भीतर सभी शहरी क्षेत्रों को इसके दायरे में ला सकते हैं। 2030 तक हम अधिक से अधिक घरों को ई-कुकिंग के दायरे में लाना चाहेंगे।’’
इलेक्ट्रिक कुकिंग पर ध्यान इस सोच के साथ दिया जा रहा है कि ई-कुकिंग मिशन लाइफ (लाइफस्टाइल फॉर एनवायर्नमेंट) का एक प्रमुख साधन है, जो पर्यावरण की रक्षा और संरक्षण के लिए व्यक्तिगत और सामुदायिक कार्रवाई को बढ़ावा देता है।