भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में चार साल से अधिक समय तक नेतृत्व करने के बाद जेपी नड्डा (JP Nadda) की रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमंडल में वापसी हुई।
नड्डा (63) ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली और भाजपा नीत सरकार में हिमाचल प्रदेश से एकमात्र प्रतिनिधि बन गए। उन्होंने 9 नवंबर, 2014 से 30 मई, 2019 तक मोदी के पहले कार्यकाल में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के रूप में कार्य किया था।
कानून की उपाधि धारण करने वाले नड्डा ने राजनीतिक करियर की शुरुआत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से शुरू की थी। वह 1991 में भाजपा की युवा शाखा भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के अध्यक्ष बने।
उन्होंने भाजपा में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। बिहार से लेकर उत्तर प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र और पंजाब सहित कई राज्यों में पार्टी के चुनाव अभियान का नेतृत्व किया।
नड्डा ने अपने गृह राज्य हिमाचल प्रदेश में भाजपा की सरकारों में मंत्री के रूप में भी कार्य किया। वह 2012 में राज्यसभा के लिए चुने गए और 2014 में जब अमित शाह ने पार्टी अध्यक्ष का पद संभाला तो उन्हें भाजपा संसदीय बोर्ड का सदस्य बनाया गया।
लोकसभा चुनाव-2019 के बाद नड्डा को भाजपा का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया। बाद में जनवरी 2020 में तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को केंद्रीय गृह मंत्री बनाए जाने के बाद उन्हें भाजपा अध्यक्ष के पद पर पदोन्नत किया गया।
नई सरकार में अर्थव्यवस्था, व्यापार पर रहेगा जोर
नई सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं में आ रही सुस्ती, महंगाई और भू-राजनीतिक समस्याएं हैं। अगले महीने पेश होने वाले बजट से तय होगा कि चुनौतियों से निपटते हुए अर्थव्यवस्था को तेजी देने और विदेशों के साथ व्यापार बढ़ाने के लिए सरकार कौन से उपाय करती है।