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स्वतंत्रता आंदोलन में आदिवासियों के योगदान की अनदेखी: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जब हम जनजातीय गौरव वर्ष की शुरुआत कर रहे हैं तब यह समझना भी बहुत जरूरी है कि आयोजन की आवश्यकता क्यों हुई।

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भाषा   
Last Updated- November 15, 2024 | 11:15 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि देश में कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों ने स्वतंत्रता आंदोलन में आदिवासी नेताओं के योगदान को कमतर आंकने का प्रयास किया, ताकि ‘केवल एक पार्टी और एक परिवार को श्रेय मिल सके।’

वह महान स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर बिहार की राजधानी पटना से लगभग 200 किलोमीटर दूर जमुई जिले के खैरा गांव में ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आज जब हम जनजातीय गौरव वर्ष की शुरुआत कर रहे हैं तब यह समझना भी बहुत जरूरी है कि आयोजन की आवश्यकता क्यों हुई। यह इतिहास के एक बहुत बड़े अन्याय को दूर करने का एक ईमानदार प्रयास है। आजादी के बाद आदिवासी समाज के योगदान को इतिहास में वह स्थान नहीं दिया गया जिसका मेरा आदिवासी समाज हकदार था।’

उन्होंने कहा, ‘इन अति पिछड़ी आदिवासी जनजातियों की पहले की सरकारों ने कोई परवाह ही नहीं की थी। इनके जीवन से मुश्किलें कम करने के लिए ही हमारी सरकार ने 24,000 करोड़ रुपये की पीएम- जनमन योजना शुरू की है।

भारतीय वायुसेना के विशेष विमान में गड़बड़ी की वजह से शुक्रवार को झारखंड के देवघर हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री मोदी करीब दो घंटे तक फंसे रहे। बाद में वह दूसरे विमान से दिल्ली के लिए रवाना हुए।

सराय काले खां आईएसबीटी चौक का नाम बिरसा मुंडा पर

केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल ने शुक्रवार को घोषणा की कि सराय काले खां आईएसबीटी के बाहर के चौक का नाम बदलकर आदिवासी नेता एवं स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा पर रख दिया गया है। खट्टर ने यह घोषणा दक्षिण-पूर्वी दिल्ली में सराय काले खां अंतरराज्यीय बस टर्मिनस के पास बांसेरा उद्यान में आयोजित एक कार्यक्रम में की।

First Published : November 15, 2024 | 11:15 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)