चीन का व्यापार अधिशेष यानी निर्यात और आयात के बीच अंतर उछलकर 877.6 अरब अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गया है। इसका मुख्य कारण विभिन्न चुनौतियों के बावजूद निर्यात का बढ़ना है।
अमेरिका और यूपोरीय देशों में मांग कमजोर पड़ने और कोरोना महामारी की रोकथाम के लिये शंघाई तथा अन्य औद्योगिक केंद्रों में पाबंदियों के बावजूद चीन का निर्यात बढ़ा है। सीमा शुल्क विभाग के शुक्रवार को प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, चीन का निर्यात बीते साल सात प्रतिशत बढ़कर 3,950 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया है। जबकि 2021 में इसमें 29.9 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई थी।
वहीं आयात 1.1 प्रतिशत बढ़कर 2,700 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया, जो पिछले साल के 30.1 प्रतिशत वृद्धि दर से धीमी है। यह गिरावट आर्थिक वृद्धि धीमी होने के साथ उपभोक्ता खर्च का मंद होना है।
चीन का वैश्विक व्यापार अधिशेष 2021 के आंकड़ों से 29.7 प्रतिशत बढ़ गया, जो किसी भी अर्थव्यवस्था के लिए काफभ् अधिक है। सीमाशुल्क एजेंसी के प्रवक्ता लू डालियांग ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ”चीन के विदेश व्यापार और निर्यात ने विभिन्न मुश्किलों और चुनौतियों के बीच मजबूती दिखायी है।’’ पश्चिमी अर्थव्यवस्थाओं में मंदी की आशंका बढ़ने के बीच विशेषज्ञों ने चीन के निर्यात में कमी आने के संकेत दिए हैं।