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पश्चिम एशिया में संघर्ष बढ़ने के बीच सरकार ने जहाज कंपनियों को पश्चिम एशियाई जलमार्गों और भारतीय जलक्षेत्र में आने वाले जहाजों के लिए रिपोर्टिंग, ट्रैकिंग और सुरक्षा इंतजाम बढ़ाने के संबंध में सलाह जारी की है।
नौवहन महानिदेशालय (मुंबई) ने जहाज प्रबंधकों, जहाज मालिकों और नाविकों को व्यापारिक जहाजों और उनके चालक दल के हितों को सुरक्षित रखने के लिए समुद्री गतिविधियों की रिपोर्टिंग और ट्रैकिंग के लिए तंत्र को बढ़ाने की सलाह दी है। इस संबंध में 10 अप्रैल को एक परिपत्र जारी किया गया है।
पोत परिवहन मंत्रालय ने संवेदनशील क्षेत्रों को भी चिह्नित किया है। इनमें फारस की खाड़ी, होरमुज जलडमरूमध्य, ओमान की खाड़ी, अरब सागर, अदन की खाड़ी, बाब अल मंडेब जलडमरूमध्य, लाल सागर, सोमाली खाड़ी और अरब सागर क्षेत्र शामिल हैं। परिपत्र के मुताबिक, किसी भी घटना की वजह से सुरक्षा बढ़ने की स्थिति में इन क्षेत्रों से गुजरने वाले सभी जहाजों को ऑनलाइन जहाज रिपोर्टिंग फॉर्म के जरिये अपना विवरण जमा करना होगा।
इसमें कहा गया है, ‘‘यह कदम जहाजों का एक व्यापक और नवीनतम डेटाबेस बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। इससे भारतीय नौसेना को घटना पर प्रतिक्रिया देने के लिए आसान ट्रैकिंग और समन्वय की सुविधा मिलेगी।’’
परिपत्र में मौजूदा सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए व्यापक तट सुरक्षा ड्रिल आयोजित करने की भी सलाह दी गई है। ईरान की सेना ने 13 अप्रैल को होरमुज जलडमरूमध्य में इजराइल से संबंधित कंटेनर जहाज एमएससी एरीज को जब्त कर लिया था।
जहाज के चालक दल में भारत के अलावा फिलिपीन, पाकिस्तान, रूस और एस्टोनिया के भी नागरिक शामिल हैं। अपने नागरिकों की सुरक्षित रिहाई के लिए भारत ईरान के संपर्क में है। ईरान ने दमिश्क स्थित अपने वाणिज्य दूतावास पर एक संदिग्ध इजराइली हमले के जवाब में शनिवार को सैकड़ों ड्रोन और मिसाइलें दागी थीं। इससे पश्चिम एशिया में तनाव काफी बढ़ गया है।