The Nobel Prize
ईरान में महिलाओं के उत्पीड़न के खिलाफ संघर्ष करने के लिए जेल में बंद कार्यकर्ता नरगिस मोहम्मदी को नोबेल शांति पुरस्कार दिया जाएगा। नॉर्वे नोबेल समिति के अध्यक्ष बेरिट रीस-एंडरसन ने शुक्रवार को ओस्लो में पुरस्कार की घोषणा की।
नोबेल कमेटी ने कहा, ‘इस वर्ष का शांति पुरस्कार उन लाखों लोगों को भी सम्मानित करता है, जिन्होंने पिछले वर्ष ईरान के धार्मिक शासन की महिलाओं को निशाना बनाने वाली भेदभाव और उत्पीड़न की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किया था। प्रदर्शनकारियों द्वारा अपनाया गया आदर्श वाक्य (motto)- ‘महिला – जीवन – स्वतंत्रता’ नरगिस मोहम्मदी के समर्पण और काम को बेहतर रूप से दिखाता है।
नरगिस मोहम्मदी एक महिला, मानवाधिकार वकील और एक स्वतंत्रता सेनानी हैं। नोबेल कमेटी ने पुरस्कार का ऐलान करते हुए कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (freedom of expression) और स्वतंत्रता के अधिकार के लिए उनको बहादुरी भरी लड़ाई की भारी व्यक्तिगत कीमत चुकानी पड़ी है। ईरान में शासन ने उन्हें कुल मिलाकर 13 बार गिरफ्तार किया, पांच बार दोषी ठहराया, और कुल 31 साल जेल और 154 कोड़ों की सजा सुनाई। नरगिस अभी भी जेल में हैं।
नोबेल पुरस्कार में 1.1 करोड़ स्वीडिश क्रोनर (लगभग 10 लाख अमेरिकी डॉलर) का नकद पुरस्कार दिया जाता है। दिसंबर में पुरस्कार समारोह में विजेताओं को 18 कैरेट का गोल्ड मेडल और डिप्लोमा भी प्रदान किया जाएगा।
बता दें कि 1901 में शुरू हुए नोबेल पुरस्कार से अब तक 104 लोगों को सम्मानित किया जा चुका है। इनमें से 70 शांति पुरस्कार केवल एक पुरस्कार विजेता को प्रदान किए गए हैं यानी इस पुरस्कार में किसी और का शेयर नहीं था।
पहले जिन लोगों को नोबेल का शांति पुरस्कार दिया गया उसमें से 5 शांति पुरस्कार विजेता पुरस्कार के समय गिरफ्तार थे। इनमें कार्ल वॉन ओस्सिएत्जकी, आंग सान सू की, लियू शियाओबो, एलेस बायलियात्स्की और अब नरगिस मोहम्मदी शामिल हैं।
अब तक 19 महिलाओं को नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। इनके अलावा 27 संगठन भी इस पुरस्कार को हासिल कर चुके हैं।