सऊदी अरब के विदेश मंत्री ने कहा है कि फलस्तीन देश की स्थापना का रास्ता साफ होने तक वह इजराइल के साथ संबंधों को सामान्य नहीं करेगा या गाजा के पुनर्निर्माण में योगदान नहीं देगा। प्रिंस फैसल बिन फरहान ने रविवार देर रात प्रसारित सीएनएन को दिए एक साक्षात्कार में यह टिप्पणी की।
यह सऊदी अधिकारियों की अब तक की सबसे बेबाक टिप्पणियों में से एक है। फरहान की यह टिप्पणी इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ रिश्तों में खटास ला सकती है जिन्होंने फलस्तीन देश को मान्यता देने की संभावना को खारिज कर दिया है और गाजा पर खुले सैन्य नियंत्रण की योजना की रूप रेखा पेश की है।
गाजा के भविष्य पर विवाद अमेरिका और उसके अरब सहयोगियों को इजराइल के सामने खड़ा कर रहा है। और यह रुख गाजा में युद्ध के बाद के शासन या पुनर्निर्माण की किसी भी योजना में एक बड़ी बाधा उत्पन्न कर सकता है। फरहान ने ऐसे समय में टिप्पणी की है जब युद्ध अभी चल रहा है और जिसका कोई अंत नजर नहीं आ रहा है।
सीएनएन पर प्रस्तोता फरीद ज़कारिया ने पूछा, ‘‘क्या आप स्पष्ट रूप से कह रहे हैं कि यदि फलस्तीन देश के लिए कोई विश्वसनीय और ठोस रास्ता नहीं निकलता है तो सऊदी अरब और इज़राइल के बीच संबंध सामान्य नहीं होंगे?’’ इसके जवाब में प्रिंस फैसल ने कहा, ‘‘यही एकमात्र तरीका है जिससे हमें लाभ होगा। इसलिए हां।’’ इससे पहले साक्षात्कार में, जब उनसे पूछा गया कि क्या तेल समृद्ध सऊदी अरब गाजा में पुनर्निर्माण का वित्तपोषण करेगा?
प्रिंस फरहान ने जवाब में कहा, ‘‘ हम सात अक्टूबर से पहले की यथास्थिति की बात करते हैं, जो हमें इसके (युद्ध)एक और दौर के लिए तैयार करती है, जैसा कि हमने अतीत में देखा है, तो हमें उस बातचीत में कोई दिलचस्पी नहीं है।’’