अंतरराष्ट्रीय

यूनाइटेड नेशंस एग्रीकल्चर फंड ने मोटे अनाज को बढ़ावा देने, गेहूं निर्यात करने के लिए की भारत की तारीफ़

आईएफएडी अध्यक्ष ने कहा कि भारत वैश्विक खाद्य प्रणालियों को बदलने के लिए अपनी जी20 अध्यक्षता के तहत वैश्विक भूमिका निभा सकता है।

Published by
भाषा   
Last Updated- June 18, 2023 | 4:59 PM IST

संयुक्त राष्ट्र कृषि विकास कोष (united nations agricultural development fund) ने मोटे अनाज को बढ़ावा देने और 18 देशों को 18 लाख टन गेहूं निर्यात करने के लिए भारत की सराहना की है। इन 18 देशों को पिछले साल यूक्रेन में युद्ध के बाद खाद्यान्न की भारी कमी से जूझना पड़ा था।

अंतरराष्ट्रीय कृषि विकास कोष (IFAD) के अध्यक्ष अलवारो लारियो ने कहा कि भारत की जी20 अध्यक्षता में वैश्विक खाद्य प्रणालियों को बदलने की क्षमता है।

उन्होंने कहा कि भारत द्वारा जिन कुछ क्षेत्रों पर ध्यान दिया जा रहा है वह संयुक्त राष्ट्र निकाय की प्राथमिकताओं के अनुरूप हैं। लारियो ने पीटीआई-भाषा को दिए साक्षात्कार में कहा कि भारत की विशेषज्ञता ‘वैश्विक दक्षिण’ में दूसरे देशों के कृषि और ग्रामीण विकास में मदद कर सकती है।

उन्होंने कहा, ‘‘यूक्रेन में युद्ध के मद्देनजर पिछले साल गेहूं की भारी कमी का सामना कर रहे 18 देशों को 18 लाख टन गेहूं का निर्यात करने के लिए हम भारत की सराहना करते हैं।’’

वह जी20 के कृषि मंत्रियों की बैठक में भाग लेने भारत आए थे। आईएफएडी संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है, जो विभिन्न गरीब और कमजोर देशों में गरीबी, भुखमरी और खाद्य असुरक्षा से लड़ने में मदद करती है।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने दक्षिण-दक्षिण सहयोग में उल्लेखनीय नेतृत्व भी दिखाया है। मैं इसकी बहुत सराहना करता हूं। उदाहरण के लिए मोटे अनाजों पर भारत का फिर से जोर।”

लारियो ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के अनुकूल होने कारण मोटे अनाज महत्वपूर्ण हैं। आईएफएडी अध्यक्ष ने कहा कि भारत वैश्विक खाद्य प्रणालियों को बदलने के लिए अपनी जी20 अध्यक्षता के तहत वैश्विक भूमिका निभा सकता है।

First Published : June 18, 2023 | 4:59 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)