US Deporting Indian Migrants: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के दो दिवसीय अमेरिकी दौरे के समाप्त होने के अगले ही दिन ट्रंप प्रशासन अवैध प्रवासी भारतीयों की दूसरी खेप को डिपोर्ट करने वाला है। अमेरिकी सैन्य परिवहन विमान सी-17 ग्लोबमास्टर III करीब 119 भारतीय नागरिकों को लेकर 15 फरवरी को अमृतसर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरेगा। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विमान के शनिवार रात करीब 10 बजे हवाईअड्डे पर उतरने की उम्मीद है। यह दूसरी बार होगा, जब डोनाल्ड ट्रंप के पिछले महीने अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद भारतीयों को निर्वासित किया जाएगा। इससे पहले, अमेरिका का एक सैन्य विमान भारत के विभिन्न राज्यों के 104 ‘‘अवैध प्रवासियों’’ को लेकर अमृतसर पहुंचा था।
ट्रंप प्रशासन ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई के तहत इन लोगों को भारत निर्वासित किया था। इस बीच, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ‘‘अवैध’’ भारतीय प्रवासियों को लेकर एक और विमान के अमृतसर हवाई अड्डे पर आने की संभावना पर शुक्रवार को सवाल उठाया और केंद्र सरकार पर पंजाब को बदनाम करने का आरोप लगाया।
अमेरिका के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, जब तक सभी ‘‘अवैध प्रवासियों’’ को उनके देश वापस नहीं भेज दिया जाता, तब तक निर्वासन की प्रक्रिया जारी रहेगी। सूत्रों के अनुसार, निर्वासित लोगों में पंजाब के 67, हरियाणा के 33, गुजरात के आठ, उत्तर प्रदेश के तीन, राजस्थान और महाराष्ट्र के दो-दो तथा जम्मू-कश्मीर एवं हिमाचल प्रदेश का एक-एक व्यक्ति शामिल है।
ट्रंप ने अमेरिकी इतिहास में सबसे बड़े निर्वासन अभियान (deportation campaign) का वादा किया था, और यूएस इमिग्रेशन एंड कस्टम इन्फोर्समेंट (ICE) ने 15 लाख लोगों की एक प्रारंभिक सूची तैयार की है, जिसमें लगभग 18,000 भारतीय नागरिक भी शामिल हैं जो बिना दस्तावेजों के अमेरिका में रहते हैं।
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यह प्रक्रिया ऐसे समय में की जा रही है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका की यात्रा के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात कर आव्रजन सहित कई अहम द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की। मोदी ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान सत्यापित भारतीय नागरिकों की स्वदेश वापसी में सहयोग की भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की लेकिन साथ ही प्रवासियों का शोषण करने वाले मानव तस्करी नेटवर्क से निपटने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
ट्रंप प्रशासन ने भारतीयों को हथकड़ियों और बेड़ियों में जकड़कर एक सैन्य विमान से उनके देश वापस भेजा था, जिससे भारत में आक्रोश फैल गया था। अमेरिकी आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन ने इस व्यवहार का बचाव करते हुए कहा है कि यह एक मानक सुरक्षा प्रोटोकॉल है जिसका उपयोग निर्वासितों को ले जाने वाली उड़ानों में किया जाता है ताकि लोग भागने या कोई बाधा पैदा की कोशिश न कर सकें। हालांकि, आलोचकों का तर्क है कि यह तरीका विशेषकर उन व्यक्तियों के लिए अमानवीय है जिन्होंने आव्रजन के नियमों के उल्लंघन के अलावा कोई अपराध नहीं किया है।
(एजेंसी के इनपुट के साथ)