कर प्रोत्साहन कम किए जाने पर केंद्र को नोटिस

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 15, 2022 | 4:59 AM IST

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत क्षेत्र आधारित कर प्रोत्साहन कम किए जाने को लेकर अशोक लीलैंड की ओर से दायर की गई याचिका पर उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने केंद्र को नोटिस भेजा है।
अशोक लीलैंड ने याचिका में कहा है कि उत्पाद शुल्क के दौर में क्षेत्र आधारित छूट के तहत 100 प्रतिशत छूट देने का वादा किया गया था, जबकि जीएसटी लागू होने पर लाभ घटा दिया गया और सिर्फ 58 प्रतिशत केंद्रीय जीएसटी और नकद लेजर के माध्यम से भुगतान किए जाने वाले 29 प्रतिशत एकीकृत जीएसटी का रिफंड दिया जा रहा है।
याची ने प्रॉमिसरी एस्टॉपेल और वैध अपेक्षा के आधार पर योजना को चुनौती दी है। प्रॉमिसरी एस्टॉपेल संविधा विधि का एक सिद्धांत है, जो किसी व्यक्ति को वादे से मुकरने से रोकता है, भले ही इस मामले में कोई कानूनी कॉन्ट्रैक्ट नहीं हुआ हो।
उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह इस मामले में जवाबी हलफनामा दाखिल करके स्थिति साफ करे। मामले की अगली सुनवाई 5 सप्ताह बाद होगी। इसके पहले भी कई याचियों ने इस सिलसिले में न्याायलय में याचिकाएं दायर की हैं। दिल्ली उच्च न्यायालय ने इसके पहले इसी तरह की हीरो मोटोकॉर्प की एक याचिका पर सरकार के पक्ष में फैसला दिया था। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में नई औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने पर 10 साल के लिए केंद्रीय उत्पाद शुल्क के भुगतान से छूट मिलती है।

First Published : July 10, 2020 | 11:16 PM IST