बाजार नियामक सेबी द्वारा डेरिवेटिव सेगमेंट के लिए सख्त कारोबारी नियम प्रस्तावित किए जाने के एक दिन बाद बुधवार को बीएसई के शेयर में 6 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई।
भले ही विश्लेषकों ने प्रस्तावित नियमों पर अमल होने से एक्सचेंजों का राजस्व और लाभ प्रभावित होने की आशंका जताई है, लेकिन बीएसई के शेयर में बुधवार को अच्छी खासी तेजी देखने को मिली। विश्लेषकों का कहना है कि बाजार दिग्गज एनएसई की तुलना में उसकी आय पर कम प्रभाव की उम्मीद में बीएसई के शेयर भाव में तेजी आई है।
आईआईएफएल ने एक रिपोर्ट में कहा है, ‘हमें एनएसई का वित्त वर्ष 2026 की आय पर 25-30 प्रतिशत और बीएसई के लिए 15-18 प्रतिशत प्रभाव पड़ने का अनुमान है। हमें इन नियमों की वजह से एमसीएक्स पर ज्यादा प्रभाव पड़ने की आशंका नहीं है।
वैल्यू चेन में, डिस्काउंट ब्रोकरों पर पारंपरिक संपूर्ण सेवा प्रदाता ब्रोकरों के मुकाबले ज्यादा प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि वे छोटे निवेशकों पर ज्यादा निर्भर रहते हैं। हमारी आय प्रभाव संबंधित गणना शुरुआती आकलन पर आधारित है, जिसके लिए हम स्थिति स्पष्ट होने का इंतजार करेंगे।’