IDBI Bank में सरकार जो हिस्सेदारी की बिक्री करना चाह रही है वो इस साल यानी चालू वित्त वर्ष 2023-24 में शायद पूरी नहीं हो पाएगी। इस बारे में डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मॉनेटाइजेशन (DIPAM) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने एक कार्यक्रम में कहा कि यह रणनीतिक बिक्री कार्यक्रम अपनी राह पर है, लेकिन अभी रिजर्व बैंक के उपयुक्त एवं उचित मानदंड जैसे कुछ पहलुओं को पूरा करने की जरूरत है।
बता दें, पांडेय ने उद्योग मंडल फिक्की द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया जहां पर इस बिक्री को लेकर उन्होंने कहा, ‘हमें व्यावहारिक रूप से नहीं लगता कि मार्च 2024 से पहले हम आईडीबीआई बैंक की हिस्सेदारी बिक्री प्रक्रिया को पूरा कर पाएंगे।’
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बता दें, सरकार के पास IDBI Bank की 45 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी है। इसके अलावा भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के पास बैंक की 49.24 प्रतिशत हिस्सेदारी है। दोनों ने बैंक में संयुक्त रूप से 60.7 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया है।
बैंक के पास 11,520 करोड़ रुपये की विलंबित कर एसेट्स हैं। इसके अलावा मुंबई, पुणे और चेन्नई सहित विभिन्न शहरों में उसकी 129 संपत्तियां भी हैं। बैंक की मुंबई में 68, पुणे में 20, चेन्नई में नौ और अहमदाबाद में सात संपत्तियां हैं। इसके अलावा कोलकाता में छह और दिल्ली तथा हैदराबाद में पांच-पांच संपत्तियां हैं।
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