ICICI सिक्योरिटीज ने सेबी के साथ अपने विवाद को 40.2 लाख रुपये देकर खत्म कर लिया है। मामला था ट्रेडिंग टर्मिनलों के कथित गलत इस्तेमाल और अधिकृत व्यक्तियों (एपी) की ढीली निगरानी का। सेबी ने इसे गंभीर चूक माना और कंपनी को नोटिस थमाया।
मई 2024 में सेबी ने जांच में पाया कि ICICI सिक्योरिटीज के पांच ट्रेडिंग टर्मिनल अज्ञात जगहों से ऑपरेट हो रहे थे। इन गतिविधियों की जानकारी एक्सचेंज को नहीं दी गई थी। इतना ही नहीं, एपी ने क्लाइंट्स की लॉगिन आईडी का इस्तेमाल कर ऑनलाइन ट्रेडिंग की। जबकि नियमों के मुताबिक, केवल स्वीकृत यूजर्स को टर्मिनल्स का इस्तेमाल करने की इजाजत है। यह भी पाया गया कि ICICI Securities के पास अपने अधिकृत व्यक्तियों (APs) की ट्रेडिंग गतिविधियों पर नजर रखने का कोई पुख्ता सिस्टम ही नहीं था।
जुलाई 2024 में, ICICI सिक्योरिटीज ने सेबी के आरोपों को न स्वीकारते हुए भी सेटलमेंट का प्रस्ताव दिया। सेबी की हाई-पावर कमेटी ने 40.2 लाख रुपये की सेटलमेंट राशि तय की, जिसे कंपनी ने 1 जनवरी 2025 को चुका दिया।
यह पहली बार नहीं है जब ICICI सिक्योरिटीज को सेबी के साथ मामला सुलझाना पड़ा हो। 2023 में कंपनी ने मर्चेंट बैंकर नियमों के उल्लंघन के मामले में 69.82 लाख रुपये देकर समझौता किया था। अब ICICI सिक्योरिटीज अपनी डीलिस्टिंग प्रक्रिया में जुटी है और इसके लिए उसे नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की मंजूरी भी मिल चुकी है।