भारत की जवाबी कार्रवाई के एक दिन बाद, गुरुवार को पाकिस्तान का स्टॉक मार्केट बुरी तरह गिर गया और ट्रेडिंग रोकनी पड़ी। कराची स्टॉक एक्सचेंज का बेंचमार्क KSE-30 इंडेक्स 7.2% गिर गया। इससे पहले बुधवार को भी ये इंडेक्स 3% नीचे आया था। KSE-100 इंडेक्स भी गुरुवार को 6.3% गिरा और ट्रेडिंग रोक दी गई। बुधवार को यह इंडेक्स पहले ही 3.13% गिर चुका था। इस पूरे घटनाक्रम के पीछे भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव माना जा रहा है।
भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, एयर डिफेंस रडार और सैन्य ठिकानों को टारगेट किया गया। यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई है।
हमलों के तुरंत बाद पाकिस्तान ने भी नियंत्रण रेखा (LoC) पर संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए भारी फायरिंग शुरू कर दी। रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान की ओर से जम्मू-कश्मीर के भींबर गली इलाके में तोपों से गोले दागे गए। भारतीय सेना ने भी “संयमित तरीके से” जवाब देना शुरू कर दिया है। पाकिस्तान सरकार ने बयान जारी कर कहा है कि वह अपने बचाव के लिए, अपने समय और तरीके से जवाब देने का अधिकार रखती है। हालांकि भारत की तरफ से भी साफ कर दिया गया है कि सेना हर स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
जहां पाकिस्तान का बाजार धराशायी हो गया, वहीं भारतीय शेयर बाजारों पर इसका ज़्यादा असर नहीं दिखा। गुरुवार को सेंसेक्स सिर्फ 0.67% और निफ्टी 0.43% नीचे बंद हुए। पिछले एक महीने में जब से पहलगाम हमला हुआ, तब से KSE-30 में 14.2% की गिरावट आई है, जबकि भारतीय सेंसेक्स 0.7% बढ़ा है। भारत में इस तरह के तनाव पहले भी हुए हैं—चाहे वो कारगिल युद्ध हो, संसद हमला हो या पुलवामा। लेकिन हर बार भारतीय बाजारों ने ऐसे तनावों को जल्द ही पचा लिया है। गिरावट अगर आई भी है तो वह अस्थायी और सेंटिमेंटल रही है।
बढ़ते तनाव को देखते हुए सिंगापुर, इज़राइल सहित कई देशों ने अपने नागरिकों को भारत के जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान की गैर-ज़रूरी यात्राओं से बचने की सलाह दी है।