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ZEE मामले में निर्देश संशोधित करने पर SAT सहमत

10 जुलाई को SAT ने सेबी को अश्विनी भाटिया के बजाय किसी अन्य पूर्णकालिक सदस्य को नियुक्त करने कहा था।

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खुशबू तिवारी   
Last Updated- July 27, 2023 | 10:25 PM IST

ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज के प्रवर्तकों पुनीत गोयनका (Punit Goenka) व सुभाष चंद्रा (Subhash Chandra) की तरफ से रकम की कथित हेराफेरी मामले में 10 जुलाई के आदेश में दिए गए निर्देशों को संशोधित करने पर प्रतिभूति अपील पंचाट (SAT) ने गुरुवार को सहमति जता दी।

बाजार नियामक सेबी ने 24 जुलाई को इसमें संशोधन के लिए आवेदन जमा कराया था और कहा था कि पूर्णकालिक सदस्य के अभाव के कारण आदेश में संशोधन जरूरी हो गया है।

10 जुलाई को SAT ने सेबी को अश्विनी भाटिया के बजाय किसी अन्य पूर्णकालिक सदस्य को नियुक्त करने कहा था। भाटिया ने गोयनका व चंद्रा के खिलाफ अंतरिम आदेश पारित किया था और SAT ने किसी तरह के पक्षपात को दूर करने के लिए किसी अन्य पूर्णकालिक सदस्य को नियुक्त करने का निर्देश दिया था।

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हालांकि सेबी के पास जल्द ही भाटिया के अलावा एक ही पूर्णकालिक सदस्य रह जाएगा क्योंकि अनंत नारायण 31 जुलाई को रिटायर हो रहे हैं जबकि एस के मोहंती का कार्यकाल 23 जून को समाप्त हो गया।

एक अन्य पूर्णकालिक सदस्य अनंत नारायण ने कंपनी को जारी कारण बताओ नोटिस से संबंधित निपटान आदेश अप्रैल में मंजूर किया था, जो इनसाइडर ट्रेडिंग और कीमत संवेदनशील सूचनाओं का खुलासा न करने से संबंधित था।

पिछले आदेश को संशोधित करते हुए न्यायाधीश तरुण अग्रवाल ने कहा, हम सेबी को अन्य पूर्णकालिक सदस्य की नियुक्ति का निर्देश देते हैं और अगर पूर्णकालिक सदस्य न हो तो उच्च रैंक या श्रेणी वाले कोई अधिकृत व्यक्ति आदेश पारित करेंगे।

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इस मामले में पंचाट ने नारायण को नियुक्त करने से इनकार कर दिया। SAT ने कहा कि नारायण निपटान संबंधी सुनवाई का हिस्सा था और संभव है कि वह इस निपटान के दौरान हुई चर्चा से प्रभावित हुए होंगे।

यह देखना बाकी है कि SAT का ताजा निर्देश की व्याख्या कैसी की जाती है और क्या नियामक इस मामले को आगे बढ़ाने के लिए किसी कार्यकारी निदेशक या चेयरपर्सन को नियुक्त करता है। ​पंचाट ने यह भी कहा है कि नियुक्त व्यक्ति को तय समयसीमा के भीतर आदेश पारित करना होगा।

First Published : July 27, 2023 | 10:25 PM IST