NSE IPO News: अब वक्त आ गया है कि NSE खुद को शेयर बाजार में लिस्ट कराए।
NSE IPO: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) भारत के कैपिटल मार्केट की रीढ़ है, जो इकॉनमिक ग्रोथ और फाइनैंशयल इनोवेशन को गति देता है। इसके बावजूद, NSE अब तक एक अनलिस्टेड कंपनी बना हुआ है, जबकि इसके शेयरधारकों की संख्या कई बड़ी लिस्टेड कंपनियों से कहीं ज्यादा है।
अब वक्त आ गया है कि NSE खुद को शेयर बाजार में लिस्ट कराए। यह कदम गवर्नेंस और मार्केट डेवलपमेंट, दोनों नजरिए से जरूरी है। यहां जानिए वह 6 ठोस वजहें, जिनके चलते NSE को अब IPO लाना चाहिए:
NSE के 1 लाख से ज्यादा शेयरधारक हैं, जो Nifty 500 की कई कंपनियों से कहीं अधिक है। अगर NSE लिस्ट होता है, तो हर भारतीय निवेशक को इस राष्ट्रीय संस्था में पारदर्शी तरीके से हिस्सेदारी लेने का अवसर मिलेगा। भारत में तेजी से बढ़ती इक्विटी भागीदारी के बीच यह कदम निवेशकों को सशक्त करेगा।
NSE की गवर्नेंस न केवल भारतीय मानकों पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय पैमानों पर भी अग्रणी है। इसके इन्वेस्टर प्रेजेंटेशन और डिस्क्लोजर की पारदर्शिता कई Nifty और Sensex कंपनियों से बेहतर है। ऐसी संस्था का पब्लिक मार्केट में होना विश्वास और जवाबदेही को और मज़बूत बनाएगा।
NSE के CEO आशीष कुमार चौहान का वेतन पिछले वित्त वर्ष में लगभग ₹12 करोड़ रहा, जो कि इस स्तर की संस्था के लिए बहुत अधिक नहीं है। इसमें से एक बड़ा हिस्सा वेरिएबल पे है। जबकि अन्य बड़ी वित्तीय संस्थाओं के CEO कहीं अधिक सैलरी और ESOP लेते हैं, जो NSE में नहीं दिया जाता।
आज निवेशकों का पैसा कई बार कमजोर कंपनियों में चला जाता है क्योंकि मार्केट में गुणवत्ता वाले ब्लू-चिप विकल्पों की कमी है। NSE का लिस्ट होना निवेशकों को एक मजबूत और मुनाफा कमाने वाली संस्था में निवेश का मौका देग, जो पूंजी बाजार के स्वास्थ्य को बेहतर बनाएगा।
भले ही NSE लिस्टेड नहीं है, पर इसके शेयरों की खरीद-बिक्री अनऑफिशियल ग्रे मार्केट में होती है, जहां न तो सही प्राइस डिस्कवरी होती है, न ही पर्याप्त लिक्विडिटी। NSE को लिस्ट करना इससे जुड़े सभी जोखिमों को खत्म करेगा और निवेशकों का भरोसा बढ़ाएगा।
कुछ लोगों का मानना है कि क्लियरिंग कॉरपोरेशन या हितों के टकराव (conflict of interest) जैसे मुद्दे लिस्टिंग में बाधा हैं। लेकिन देश में दो अन्य एक्सचेंज पहले से लिस्टेड हैं, और ऐसे मुद्दों का समाधान पहले भी किया गया है। NSE के लिए भी यही किया जा सकता है।
(डिस्क्लेमर: जिमीत मोदी सैमको वेंचर्स के सीईओ हैं। लेखक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के अनलिस्टेड शेयरों के मालिक हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)