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ऑर्डर के दम पर ये Energy Stock बना रॉकेट, 4% तक उछला भाव; 2 साल में 500% दिया रिटर्न

नए ऑर्डर के तहत हाइब्रिड लैटिस टावर्स के साथ S144 पवन टरबाइन के 65 जनरेटर की सप्लाई की जायेगी। इसमें हर एक टावर की क्षमता 3.15 मेगावाट है।

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जतिन भूटानी   
Last Updated- March 04, 2025 | 11:25 AM IST

Suzlon Energy Share Price: विंड टरबाइन जनरेटर मैन्युफैक्चरिंग और सप्लाई करने वाली कंपनी सुजलॉन एनर्जी के शेयर मंगलवार को घरेलू बाजार में गिरावट के बावजूद रॉकेट बन गए। बीएसई पर सुजलॉन एनर्जी के शेयर सुबह 11 बजे 1.62 रुपये या 3.26% उछलकर 51.33 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहे थे।

कंपनी के शेयरों में यह उछाल जिंदल रिन्यूएबल्स (Jindal Renewables) की सहायक कंपनी जिंदल ग्रीन विंड 1 से 204.75 मेगावाट का ऑर्डर मिलने के बाद आया है। कंपनी ने जिंदल ग्रीन विंड से तीसरा ऑर्डर हासिल किया है।

नए ऑर्डर के तहत हाइब्रिड लैटिस टावर्स के साथ S144 पवन टरबाइन के 65 जनरेटर की सप्लाई की जायेगी। इसमें हर एक टावर की क्षमता 3.15 मेगावाट है, जिसे तमिलनाडु के करूर क्षेत्र में स्थापित किया जाएगा। उत्पादित बिजली का उपयोग छत्तीसगढ़ और ओडिशा में जिंदल स्टील के संयंत्रों में कैप्टिव खपत के लिए किया जाएगा। इससे कंपनी के डीकार्बोनाइजेशन प्रयासों को मदद मिलेगी।

यह साझेदारी 907.20 मेगावाट की क्षमता के साथ सुजलॉन का सबसे बड़ा कमर्शियल और इंडस्ट्रियल (C&I) ऑर्डर है। इससे पहले सुजलॉन ने छत्तीसगढ़ और ओडिशा में जिंदल स्टील के प्लांट्स को बिजली देने के लिए दो ऑर्डर हासिल किए थे। इसमें 702.45 मेगावाट पवन ऊर्जा शामिल की गई थी।

क्या करती है सुजलॉन एनर्जी?

सुजलॉन ग्रुप का हेड ऑफिस महाराष्ट्र के पुणे में है। कंपनी ने 17 देशों में लगभग 20.9 गीगावॉट विंड एनर्जी क्षमता स्थापित की है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित अतिरिक्त 6 गीगावॉट के साथ भारत में लगभग 15 गीगावॉट एसेट का मैनजमेंट करती है।

वहीं, जिंदल रिन्यूएबल्स वर्तमान में लगभग 3 गीगावॉट रिन्यूएबल एसेट तैयार कर रही है। कंपनी ने 2030 तक लगभग 12 गीगावॉट रिन्यूएबल एनर्जी एसेट , स्टोरेज सुविधाएं और ग्रीन हाइड्रोजन प्रोडक्शन विकसित करने का लक्ष्य रखा है।

First Published : March 4, 2025 | 11:18 AM IST